
Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट की दुनिया में लगातार नए रिकॉर्ड बनते और टूटते रहते हैं, लेकिन कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं जो खिलाड़ियों के करियर को एक खास पहचान देते हैं। हाल ही में, दक्षिण अफ्रीका के युवा बल्लेबाज मैथ्यू ब्रेट्ज़के (Matthew Breetzke) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए वनडे अंतर्राष्ट्रीय (ODI) मैच में एक ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है, जिसने भारतीय क्रिकेट के दिग्गज नवजोत सिंह सिद्धू के 38 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। ब्रेट्ज़के ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे ODI में 57 रनों की शानदार पारी खेली।
ब्रेट्ज़के का ऐतिहासिक प्रदर्शन:
मैथ्यू ब्रेट्ज़के, जो अपने ODI करियर की शुरुआत से ही शानदार फॉर्म में हैं, ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 57 रनों की तेजतर्रार पारी खेली। यह उनके ODI करियर का तीसरा मैच था, और इस पारी के साथ ही उन्होंने एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। ब्रेट्ज़के ODI क्रिकेट के इतिहास में लगातार तीन मैचों में अर्धशतक (Fifty-plus score) बनाने वाले केवल चौथे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले यह कारनामा नवजोत सिंह सिद्धू, मैक्स ओ'डॉव (Max O'Dowd) और टॉम कूपर (Tom Cooper) ने किया था।
सिद्धू का 38 साल पुराना रिकॉर्ड:
नवजोत सिंह सिद्धू ने 38 साल पहले (1987 में) ODI क्रिकेट में अपने करियर की शुरुआत में लगातार चार अर्धशतक जड़े थे, जो उस समय एक बड़ा रिकॉर्ड था। हालाँकि, ब्रेट्ज़के के मामले में, यह उनके करियर के पहले तीन मैचों में लगातार अर्धशतक का रिकॉर्ड है, जो सिद्धू के पहले चार मैचों के रिकॉर्ड की बराबरी तो नहीं, लेकिन उपलब्धि के लिहाज से महत्वपूर्ण है। ब्रेट्ज़के ने अपने ODI डेब्यू में न्यूजीलैंड के खिलाफ 150 रन, पाकिस्तान के खिलाफ 83 रन और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 57 रन बनाए हैं।
ब्रेट्ज़के के करियर का शानदार आगाज:
मैथ्यू ब्रेट्ज़के ने अपने ODI करियर की शुरुआत बेहद शानदार तरीके से की है। तीन मैचों में 290 रन (औसत 97) के साथ, उन्होंने सर्वश्रेष्ठ ODI शुरुआत करने वाले खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज कराया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 57 रनों की पारी के दौरान, उन्होंने 92 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी भी निभाई, जिससे दक्षिण अफ्रीका को एक मजबूत स्कोर तक पहुंचने में मदद मिली। यह पारी ब्रेट्ज़के की निरंतरता और दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता को दर्शाती है।
नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट करियर:
नवजोत सिंह सिद्धू, जो अपने आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, ने भारत के लिए 51 टेस्ट और 136 ODI खेले। ODI क्रिकेट में उन्होंने 6 शतक और 33 अर्धशतक जड़े। 1987 विश्व कप में उनके लगातार अर्धशतक भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए थे।
आगे क्या:मैथ्यू ब्रेट्ज़के के इस शानदार आगाज से दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में उम्मीदें बढ़ गई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह युवा खिलाड़ी अपने करियर में आगे कैसा प्रदर्शन करता है और क्या वह सिद्धू जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड को तोड़ पाता है या नहीं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही सीरीज में उनके प्रदर्शन पर सभी की नजरें रहेंगी।
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