
सावन के पहले सोमवार को एक विवादास्पद स्थिति उस समय उत्पन्न हो गई जब हिंदू संगठन से जुड़ीं मीरा राठौर ताजमहल में गंगाजल चढ़ाने पहुंचीं। उनका दावा था कि ताजमहल असल में एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसे वह ‘तेजो महालय’ मानती हैं।
मीरा राठौर अपने समर्थकों के साथ ताजमहल परिसर के बाहर पहुंचीं और वहां भगवान शिव के जयकारे लगाने लगीं। उनके हाथ में गंगाजल से भरी हुई एक कलश थी, जिसे वह ताजमहल के अंदर ले जाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहती थीं।
हालांकि, आगरा पुलिस ने मौके पर ही उन्हें रोक लिया और समझाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने बताया कि ताजमहल एक संरक्षित स्मारक है और वहां पूजा या धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं है।
मीरा राठौर का कहना था कि ताजमहल कभी एक शिव मंदिर था और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिंदुओं को उनके धार्मिक स्थलों से दूर किया जा रहा है।
पुलिस ने स्थिति को बिगड़ने से पहले ही मीरा राठौर और उनके कुछ समर्थकों को हिरासत में ले लिया, बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। पूरे मामले में ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने कहा कि ताजमहल केवल एक मकबरा है और वहां पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर ताजमहल को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग मीरा राठौर के समर्थन में दिखे, तो कुछ ने इसे कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बताया।
फिलहाल, पुलिस ने ताजमहल परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना न हो।
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