
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के तहत आने वाले राष्ट्रीय खेल विज्ञान अनुसंधान केंद्र (एनसीएसएसआर) ने खेल विज्ञान अनुसंधान में नैतिक मानकों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, एनसीएसएसआर की संस्थागत एथिकल कमेटी (आईईसी) की एक अहम बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य खेल वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों में नैतिकता और उच्च मानकों का पालन सुनिश्चित करना था।
इस बैठक में, अनुसंधान प्रस्तावों के नैतिक निहितार्थों पर गहराई से चर्चा की गई। समिति ने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि एथलीटों पर किए जाने वाले किसी भी शोध में उनकी सुरक्षा, कल्याण और अधिकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। खेल विज्ञान अनुसंधान की विशिष्ट प्रकृति को देखते हुए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि अनुसंधान नैतिक रूप से सुदृढ़ हो और किसी भी संभावित नुकसान को कम किया जाए।
संस्थागत एथिकल कमेटी खेल विज्ञान और एथलीटों के प्रदर्शन के क्षेत्र में नवीन और प्रभावी शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है कि सभी शोध अंतर्राष्ट्रीय नैतिक दिशानिर्देशों और सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप हों।
इस बैठक में एनसीएसएसआर के प्रमुख सदस्य और प्रसिद्ध विशेषज्ञ शामिल थे, जिनमें निदेशक डॉ. एस.आर. सरन सिंह, उप निदेशक (एसएम) डॉ. पी.एस.एम. चंद्रशेखर, सहायक निदेशक (खेल बायोकेमिस्ट्री) डॉ. शबीना के. और कानूनी विशेषज्ञ अशोक कुमार शामिल थे। इन सभी ने एथिकल मानकों को मजबूत करने और भारतीय खेल अनुसंधान के लिए एक मजबूत नैतिक ढांचा स्थापित करने पर अपने विचार और विशेषज्ञता साझा की।
यह पहल भारतीय खेल पारिस्थितिकी तंत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए उच्च नैतिक मानकों को स्थापित करने की एनसीएसएसआर की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे एथलीटों के कल्याण को प्राथमिकता दी जा सके और विश्वसनीय तथा वैध शोध परिणामों को बढ़ावा दिया जा सके।
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