
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता महबूबा मुफ्ती ने एक बड़ा और चर्चा में आने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एजेंडे का समर्थन करतीं, तो आज भी मुख्यमंत्री के पद पर होतीं।
महबूबा मुफ्ती का यह बयान राजनीतिक गलियारों में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए कभी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया। उनका मानना है कि भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला तो किया गया था, लेकिन जब बात जम्मू-कश्मीर की पहचान, संविधान और धारा 370 जैसे मुद्दों पर आई, तो उन्होंने भाजपा के खिलाफ आवाज उठाई।
उन्होंने कहा, “अगर मैं चुप रहती, भाजपा के हर फैसले का समर्थन करती, तो मुझे मुख्यमंत्री बनाए रखा जाता। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि मेरे लिए कुर्सी से ज्यादा अपने लोगों की पहचान और अधिकार मायने रखते हैं।”
महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और केवल अपनी विचारधारा थोपना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में लोगों को अपनी बात कहने की आज़ादी नहीं है और विरोध करने वालों को दबाया जा रहा है।
उनके इस बयान से साफ है कि वे आने वाले चुनावों को लेकर भाजपा से सीधी टक्कर लेने की तैयारी में हैं। यह बयान न सिर्फ राजनीतिक बल्कि वैचारिक स्तर पर भी एक बड़ा संदेश देता है।
--Advertisement--