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Up Kiran, Digital Desk: पहलगाम में हुए भीषण हमले के बाद भारत ने जो जवाब दिया, उसने न केवल आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया बल्कि दुनिया को अपनी रणनीतिक और सैन्य क्षमताओं का भी स्पष्ट संदेश दिया। भारतीय सेना और वायुसेना द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने वैश्विक स्तर पर सुरक्षा विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। इसी कड़ी में अमेरिका के प्रतिष्ठित सैन्य विश्लेषक और शहरी युद्ध रणनीति विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने इस ऑपरेशन की प्रशंसा करते हुए इसे "भारतीय संप्रभुता और शक्ति का जीवंत प्रदर्शन" बताया है।
उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया कि वह न सिर्फ मार सकता है, बल्कि तय भी कर सकता है कि कहां और कब मारना है।
जॉन स्पेंसर, जो अमेरिका के वेस्ट पॉइंट स्थित मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में अर्बन वॉरफेयर स्टडीज़ के चेयरमैन हैं, ने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह सिर्फ एक तात्कालिक जवाब नहीं था, बल्कि वर्षों की तैयारी, आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक और राजनीतिक इच्छाशक्ति का संगठित स्वरूप था। उन्होंने इस ऑपरेशन को चार दिन का सैन्य अभियान मानने के बजाय एक दशक से अधिक की रणनीतिक योजना का परिणाम बताया।
स्पेंसर ने कहा, "यह कार्रवाई एक गंभीर संदेश थी कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देता, वह रणनीतिक रूप से सोचता है और वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति स्पष्ट करता है।"
पाकिस्तान ‘चीन की प्रयोगशाला’ बना, भारत ने वहीं दी चुनौती
जॉन स्पेंसर ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि पाकिस्तान अब चीन की ‘लाइव बैटलफील्ड लैब’ बन चुका है। उनका कहना था कि पाकिस्तान में भारतीय सैन्य ऑपरेशन वास्तव में चीन की रक्षा तकनीक की लाइव परीक्षा भी थी।
उन्होंने यह भी कहा, "भारत और चीन की सीमाएं जुड़ी हैं, और चीन पाकिस्तान के जरिए छाया युद्ध (प्रॉक्सी वॉर) की रणनीति अपनाता है। ऑपरेशन सिंदूर इस रणनीति के खिलाफ भारत की आक्रामक और आत्मनिर्भर प्रतिक्रिया थी।"
युद्ध नहीं ये एक केस स्टडी
स्पेंसर ने यह भी कहा कि ‘सिंदूर’ को सिर्फ एक सैन्य प्रतिक्रिया के रूप में देखना एक बड़ी भूल होगी। उन्होंने इसे दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों के लिए एक अध्ययन का विषय बताया। उनके अनुसार, भारत ने न केवल सैन्य ठिकानों को निष्क्रिय किया बल्कि वैश्विक समुदाय को यह भी दिखाया कि युद्ध की तैयारी शांति के समय में ही की जाती है।
उनके अनुसार, ये प्रदर्शन सिर्फ हमला नहीं था ये अपने नागरिकों को सुरक्षा का आश्वासन देने का तरीका था और दुश्मनों को यह चेतावनी देने का भी कि भारत संयम रखता है लेकिन वह सक्षम भी है।
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