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Up Kiran, Digital Desk: जब भी देश की सुरक्षा की बात होती है, तो आंखों के सामने एक ही छवि उभरती है—वर्दी में सजे वो जवान जो सीमाओं पर डटे रहते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि देश की सुरक्षा व्यवस्था केवल मिलिट्री तक सीमित नहीं है। अर्धसैनिक बल, यानी पैरामिलिट्री फोर्सेज, भी उतनी ही निष्ठा और वीरता से भारत की आंतरिक सुरक्षा का दायित्व निभाते हैं। ऐसे में एक सामान्य सवाल अक्सर मन में उठता है—मिलिट्री और पैरामिलिट्री में आखिर फर्क क्या है? कौन ज्यादा वेतन पाता है? और किसकी जिम्मेदारी ज्यादा चुनौतीपूर्ण मानी जाती है?
सबसे पहले समझते हैं—मिलिट्री और पैरामिलिट्री का अर्थ
मिलिट्री, जिसे हम आमतौर पर भारतीय सेना कहते हैं, तीन मुख्य शाखाओं में विभाजित होती है:
भारतीय थल सेना (Indian Army)
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force)
भारतीय नौसेना (Indian Navy)
इन तीनों का संचालन रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) करता है और इनका मुख्य कार्य देश की बाहरी सुरक्षा, युद्ध की स्थिति में संचालन और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करना होता है।
वहीं दूसरी ओर, पैरामिलिट्री फोर्सेज, जिन्हें अर्धसैनिक बल कहा जाता है, गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के अधीन होती हैं। इनका मुख्य कार्य देश की आंतरिक सुरक्षा, सीमा पर निगरानी, दंगों का नियंत्रण, चुनावों में सुरक्षा, और आतंरिक विद्रोह जैसे नक्सल ऑपरेशनों में भूमिका निभाना होता है।
पैरामिलिट्री बलों में शामिल प्रमुख इकाइयाँ हैं:
CRPF (केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल)
BSF (सीमा सुरक्षा बल)
CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल)
ITBP (इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस)
SSB (सशस्त्र सीमा बल)
Assam Rifles
NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड)
जिम्मेदारियों में अंतर
मिलिट्री का कार्य मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा, युद्ध संचालन, आतंकवाद-रोधी अभियान और सामरिक रणनीतियों पर केंद्रित होता है।
पैरामिलिट्री बल देश के अंदरूनी हिस्सों में तैनात रहते हैं। वे आतंकवाद, नक्सलवाद, भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन स्थितियों में नागरिक प्रशासन की मदद करते हैं।
सैलरी और सुविधाओं का तुलनात्मक विश्लेषण
दोनों ही सेवाओं में वेतन रैंक के अनुसार निर्धारित होता है। हालांकि, भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों को अपेक्षाकृत अधिक सुविधाएं मिलती हैं, जैसे:
मुफ्त मेडिकल सुविधा (परिवार सहित)
आर्मी कैंटीन
सरकारी आवास
बच्चों के लिए विशेष स्कूल
रिटायरमेंट के बाद पेंशन और अन्य लाभ
पैरामिलिट्री बलों को भी उपयुक्त सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन विशेषज्ञों और कर्मियों के अनुसार, सुविधाओं का स्तर सेना के मुकाबले थोड़ा कम होता है। हालांकि, हाल के वर्षों में सरकार ने पैरामिलिट्री बलों की सुविधाएं बढ़ाने और उन्हें सेना के समकक्ष लाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
भर्ती प्रक्रिया में अंतर
मिलिट्री में भर्ती NDA (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी), CDS (संयुक्त रक्षा सेवा), AFCAT (वायु सेना कॉमन एडमिशन टेस्ट) और तकनीकी प्रवेश जैसे तरीकों से होती है।
पैरामिलिट्री बलों में भर्ती SSC (कर्मचारी चयन आयोग), UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) और राज्य स्तरीय परीक्षाओं के जरिए होती है।
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