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बॉलीवुड में नाम कमाना आसान नहीं होता, और टिके रहना उससे भी ज्यादा मुश्किल है। कुछ कलाकार ऐसे भी होते हैं जिनकी शुरुआत अच्छी होती है, लेकिन एक गलत फैसले से उनका करियर पटरी से उतर जाता है। ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं मोनिका बेदी, जिनकी कहानी फिल्मी दुनिया की चकाचौंध, विवादों और पुनरुत्थान से भरी है।

शुरुआत एक साधारण परिवार से

मोनिका बेदी का जन्म 18 जनवरी 1975 को पंजाब के होशियारपुर में हुआ। उनके पिता डॉक्टर थे और मां गृहिणी। साल 1979 में उनका परिवार नॉर्वे चला गया, जहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई की। मोनिका का झुकाव शुरू से अभिनय की ओर नहीं था, बल्कि वे डांस में रुचि रखती थीं।

मनोज कुमार ने दिया पहला मौका

मुंबई आकर उन्होंने गोपी गुरु से शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा लेनी शुरू की। एक डांस सेशन के दौरान फिल्म अभिनेता और निर्माता मनोज कुमार की नजर उन पर पड़ी। उनके डांस से प्रभावित होकर उन्होंने मोनिका को अपने बेटे कुणाल गोस्वामी के साथ फिल्म किरीटमान में लॉन्च किया। मोनिका को तीन साल के लिए विशेष अनुबंध में रखा गया, लेकिन जब फिल्म आगे नहीं बढ़ी, तो उन्होंने अनुबंध से बाहर निकलने की अनुमति मांगी और आगे काम की तलाश शुरू की।

बॉलीवुड में मिला मौका, लेकिन सफलता नहीं

मोनिका की पहली फिल्म ताज महल सफल रही, जिससे उन्हें तेलुगु सिनेमा में पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों की ओर रुख किया और सुरक्षा (1995) में सैफ अली खान के साथ डेब्यू किया। हालांकि, इंडस्ट्री में कोई मार्गदर्शक न होने के कारण उन्होंने जल्दबाजी में कई फिल्में साइन कीं, जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। आशिक मस्ताने, खिलौना, एक फूल तीन कांटे, तिरछी टोपीवाले जैसी फिल्मों ने उनके करियर को नुकसान पहुंचाया।

एक प्यार जो बना मुसीबत

मोनिका की जिंदगी में असली मोड़ तब आया जब दुबई में एक शो के दौरान उनकी मुलाकात अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम से हुई। यह रिश्ता सिर्फ निजी नहीं रहा, बल्कि पेशेवर तौर पर भी प्रभावशाली साबित हुआ। अबू सलेम ने उन्हें बड़े निर्माताओं और निर्देशकों से काम दिलवाया और मोनिका को जोड़ी नंबर 1, प्यार इश्क और मोहब्बत, टाडा जैसी फिल्मों में अभिनय के मौके मिले।

लेकिन इस रिश्ते की कीमत मोनिका को बहुत भारी पड़ी। 2002 में वह अबू सलेम के साथ पुर्तगाल गईं, जहां फर्जी दस्तावेजों के जरिए प्रवेश करने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया गया और कोर्ट ने मोनिका को सजा सुनाई। उन्होंने करीब ढाई साल पुर्तगाल की जेल में बिताए और भारत में भी सजा काटी।

जेल के बाद नई शुरुआत

जेल से रिहा होने के बाद मोनिका ने फिर से अपनी पहचान बनाने की कोशिश की। उन्होंने रियलिटी शो बिग बॉस 2 और झलक दिखला जा में हिस्सा लिया। इसके अलावा सरस्वतीचंद्र और बंधन जैसे धारावाहिकों के जरिए छोटे पर्दे पर वापसी की। मोनिका ने पंजाबी सिनेमा में भी काम किया और रोमियो रांझा, सिरफिरे, बंदूकन जैसी फिल्मों में नजर आईं।

आज का जीवन

मोनिका बेदी आज भी एक्टिव हैं और स्टेज परफॉर्मेंस के अलावा सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं। इंस्टाग्राम पर वे अपनी निजी जिंदगी की झलकियां साझा करती रहती हैं।