महाराष्ट्र के नासिक जिले के काठे गली इलाके में एक विवादास्पद धार्मिक स्थल को लेकर लंबे समय से जारी तनाव आखिरकार एक बड़े प्रशासनिक कदम में बदल गया। नगर निगम ने कोर्ट के आदेश के तहत इस अवैध दरगाह को बुधवार सुबह बुलडोजर चलाकर गिरा दिया। कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।
नगर निगम ने दी थी पहले से चेतावनी
नगर निगम ने 1 अप्रैल को दरगाह को लेकर नोटिस जारी किया था, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि यह धार्मिक स्थल अनाधिकृत है और यदि 15 दिन के भीतर इसे हटाया नहीं गया, तो प्रशासन खुद कार्रवाई करेगा। इसी निर्देश के तहत आज दरगाह को गिरा दिया गया। इससे पहले भी 22 फरवरी को नासिक नगर निगम ने शहर के अन्य इलाकों से भी अवैध धार्मिक अतिक्रमण हटाए थे।
मंगलवार रात को भड़का तनाव, पथराव में कई घायल
कार्रवाई से एक रात पहले यानी मंगलवार रात को इलाके में भारी बवाल हुआ। रात करीब 12 बजे के आसपास बिजली चली गई, जिसका फायदा उठाकर भीड़ ने नगर निगम की टीम और पुलिस बल पर पथराव कर दिया। इस हिंसा में 4 अधिकारी और 27 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कई सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचा। गंभीर स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
इलाके में तैनात पुलिस बल, कर्फ्यू जैसे हालात
घटना के बाद प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए इलाके में पुलिस की भारी तैनाती कर दी है। यातायात मार्गों में बदलाव किया गया है और सुरक्षा के लिए इलाके को सील किया गया है। नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम की मौजूदगी में आज सुबह कार्रवाई पूरी की गई।
मंदिर निर्माण की मांग को लेकर पहले भी हुआ था विरोध
फरवरी महीने में सकल हिंदू समाज की ओर से इस स्थल को हटाकर वहां बजरंग बली का मंदिर बनाने की मांग की गई थी। इसके विरोध में उन्होंने 22 फरवरी को प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी, जिसे रोकने के लिए प्रशासन ने उस समय इलाके में कर्फ्यू लगाया और कुछ साधु-संतों को हिरासत में लिया था।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों के वैध-अवैध निर्माण और कानून व्यवस्था को लेकर गहरी बहस छेड़ दी है। पुलिस और नगर निगम की अगली प्राथमिकता अब शांति बहाल करना और किसी भी अफवाह को फैलने से रोकना है।
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