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Up Kiran, Digital Desk: कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 'इंडियन जेम्स बॉन्ड' के नाम से मशहूर डोभाल की जांबाजी के कई किस्से हैं, लेकिन सबसे रोमांचक और रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी उनके पाकिस्तान में बिताए सात सालों की है। इस दौरान वह एक मुसलमान के भेष में अंडरकवर एजेंट बनकर रहे और दुश्मन देश को कानोंकान खबर तक नहीं लगने दी।

अजीत डोभाल की यह कहानी सिर्फ जासूसी की नहीं, बल्कि गज़ब के धैर्य, समझदारी और चतुराई की मिसाल है। खुद डोभाल ने एक इंटरव्यू में इस खतरनाक मिशन का एक दिलचस्प किस्सा सुनाया था, जब पाकिस्तान में उनकी पहचान लगभग उजागर होने ही वाली थी।

'तुम हिंदू हो क्या?' - जब पकड़े जाने वाले थे डोभाल

डोभाल ने बताया कि एक दिन जब वह लाहौर की एक मस्जिद से नमाज़ पढ़कर लौट रहे थे, तो बाहर एक लंबे-चौड़े, दाढ़ी वाले शख्स ने उन्हें रोक लिया। उस व्यक्ति ने डोभाल को गौर से देखा और सीधे पूछा – "क्या तुम हिंदू हो?"

यह सवाल सुनकर डोभाल पल भर के लिए चौंक गए, लेकिन उन्होंने अपने चेहरे पर ज़रा भी घबराहट नहीं आने दी और बड़ी शांति से जवाब दिया – "नहीं।"

इसके बाद वह अजनबी शख्स डोभाल को पास के एक कमरे में ले गया और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया। उसने फिर से कहा – "देखो, मुझे सच बताओ। तुम हिंदू हो।" डोभाल ने फिर इनकार किया। तब उस व्यक्ति ने कहा – "तुम हिंदू हो, क्योंकि तुम्हारे कान छिदे हुए हैं (कान छिदवाने की परंपरा हिंदुओं में आम है)।"

जब खुला एक और राज़

डोभाल ने अपनी पहचान छिपाने के लिए कहा कि वह पहले हिंदू थे, लेकिन बाद में उन्होंने इस्लाम अपना लिया। इस पर वह व्यक्ति बोला – "नहीं, तुम झूठ बोल रहे हो। पर घबराओ मत, मैं भी हिंदू हूं और यहां एक मौलाना बनकर रह रहा हूं।"

यह सुनकर डोभाल हैरान रह गए। उस शख्स ने अपनी अलमारी खोलकर दिखाई, जिसमें छोटी सी भगवान शिव की मूर्ति रखी थी। उसने बताया कि वह रोज छिपकर भगवान की पूजा करता है। उस शख्स ने डोभाल को सलाह दी कि वह अपनी पहचान छिपाए रखने के लिए कान की सर्जरी करवा लें, ताकि छिदे हुए कानों का निशान मिट जाए।

पहचान छिपाने के लिए करवाई सर्जरी

इस चौंकाने वाली घटना के बाद, डोभाल ने अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए कान की प्लास्टिक सर्जरी करवा ली, ताकि उनका राज़ छुपा रहे। पाकिस्तान के अंदर रहकर, उन्होंने आतंकवादियों की हरकतों पर पैनी नज़र रखी, उनके हथियारों के ठिकानों का पता लगाया और भारतीय खुफिया एजेंसियों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां भेजीं, जिसने देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई। यह किस्सा दिखाता है कि देश के जासूस कितने जोखिम उठाकर काम करते हैं।

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