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नेपाल में जारी राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसक घटनाओं का असर अब भारत के सीमावर्ती इलाकों में भी महसूस किया जा रहा है। विरोध-प्रदर्शनों और कर्फ्यू के बीच नेपाली नागरिक आवश्यक वस्तुओं की तलाश में भारत की सीमा तक पहुंचने लगे हैं।
जरूरी सामान की तलाश में भारत पहुंचे नेपाली नागरिक
नेपाल में जारी हिंसा और बाजारों के बंद रहने से आम लोगों की रोजमर्रा की ज़रूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। फल-सब्ज़ी से लेकर दवाइयों तक की किल्लत ने लोगों को मजबूर कर दिया कि वे सीमावर्ती भारतीय क्षेत्रों की ओर रुख करें। गुरुवार को पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और झूलाघाट के पास नेपाली नागरिक बड़ी संख्या में भारत की सीमा पर पहुंचे।
सीमा पर स्थित झूला पुलों पर लोगों की भीड़ देखी गई, जहां नागरिक खरीदारी के उद्देश्य से भारत में प्रवेश करना चाह रहे थे। थोड़ी देर के लिए जब आवाजाही की अनुमति दी गई, तब नेपाल से सैकड़ों लोग तुरंत भारत की ओर बढ़े।
सीमा पर सतर्क नजर: दस्तावेज जांच के बाद ही मिल रही एंट्री
भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने सतर्कता बरकरार रखते हुए हर आने-जाने वाले व्यक्ति की पहचान जांची। सभी नागरिकों की आईडी देखकर उनका रजिस्ट्रेशन किया गया, इसके बाद ही उन्हें प्रवेश की अनुमति दी गई। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति सीमा के भीतर न आ सके।
कुछ इलाकों में अब भी कड़ी निगरानी, आवाजाही पर रोक
जहां एक ओर पिथौरागढ़ के कुछ हिस्सों में सीमित रूप से छूट दी गई, वहीं चम्पावत जिले की बनबसा और टनकपुर सीमा पर सुरक्षा कड़ी बनी रही। इन इलाकों में नेपाल से किसी को भी भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। इसके चलते बनबसा बाजार पूरी तरह शांत नजर आया और व्यापारिक गतिविधियां ठप रहीं।
हालांकि, नेपाल के महेंद्रनगर में कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई, जिससे वहां की स्थिति में थोड़ी राहत जरूर आई है।
स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं अधिकारी
भारत की सीमाओं पर प्रशासनिक अमला सतर्कता से नजर बनाए हुए है। सुरक्षा एजेंसियां स्थानीय निवासियों और आने-जाने वालों पर पैनी निगाह रख रही हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे को टाला जा सके।
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