Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट के मैदान पर न्यूज़ीलैंड (न्यूज़ीलैंड) की टीम एक बार फिर अपना शानदार दम दिखा रही है। हाल ही में एक एकतरफ़ा (One-sided) मुकाबले में उन्होंने बांग्लादेश (Bangladesh) को 100 रनों के बड़े अंतर से करारी शिकस्त दी। मैच देखकर साफ़ लगा कि न्यूज़ीलैंड के लिए इस जीत की नींव बल्लेबाज़ों ने नहीं, बल्कि पूरी गेंदबाज़ी यूनिट ने एक साथ मिलकर रखी थी।
दरअसल, यह एक ऐसा मैच था जहाँ न्यूज़ीलैंड के लिए पूरे गेंदबाज़ों (Bowlers) ने कमाल का प्रदर्शन (Performance) किया। 'सामूहिक प्रयास' (Teamwork) क्या होता है, इसका बेहतरीन उदाहरण न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ी आक्रमण में देखने को मिला। टीम ने जो भी टोटल (Score) बनाया, उसे बचाने के लिए हर एक गेंदबाज़ पूरी मेहनत से विकेट लेने और रन रोकने में सफल रहा।
100 रनों का यह फ़ासला क्या कहता है: क्रिकेट में 100 रनों (100 Runs) की जीत कोई छोटी बात नहीं होती। यह दिखाता है कि एक टीम की दूसरी टीम पर कितनी मज़बूत पकड़ रही है। यह जीत पूरी तरह से बॉलिंग के शानदार प्रदर्शन पर आधारित थी। न्यूज़ीलैंड ने बेशक खुद एक औसत दर्जे का टोटल बनाया था, लेकिन बांग्लादेश की टीम को इतनी आसानी से समेट देना, यह बताता है कि न्यूज़ीलैंड के हर गेंदबाज ने अपनी ज़िम्मेदारी को कितनी बखूबी समझा और निभाया।
हर एक गेंदबाज़ ने न सिर्फ विकेट (Wickets) लिए, बल्कि विपक्षी टीम पर रन रेट का दबाव भी बनाए रखा। इसी वजह से बांग्लादेश की पूरी टीम घुटने टेकने को मजबूर हो गई।
क्रिकेट (Cricket) विशेषज्ञों का मानना है कि जो टीम अपनी गेंदबाज़ी के बल पर मैच जीतना जानती है, वह टूर्नामेंट में सबसे खतरनाक होती है। इस जीत के बाद यह तो साफ़ है कि न्यूज़ीलैंड की क्रिकेट टीम इस बार भी एक मज़बूत दावेदार बनकर सामने आई है। आगे के मैचों में बांग्लादेश को अपनी बल्लेबाजी (Batting) पर बहुत मेहनत करनी होगी, जबकि न्यूजीलैंड इसी प्रदर्शन को बनाए रखने पर जोर देगी।
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