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21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया, जिससे देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर वैकेंसी आ गई । अगले उपराष्ट्रपति का चयन लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा बहुमत वोट से होगा।
वर्तमान में हरिवंश नारायण सिंह, जो राज्यसभा के डेप्युटी चेयरपर्सन हैं, अस्थायी रूप से सभापति के रूप में कार्यभार संभालेंगे । मान्यता है कि नए उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में मौजूदा राजनीतिक समीकरण, क्षेत्रीय संतुलन और दलगत प्रभाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
महत्वपूर्ण संभावित नाम
मनोज सिन्हा: वर्तमान में उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) के पद पर तैनात, उनके प्रशासनिक अनुभव और विपक्षी दलों के साथ मधुर संबंध उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए मजबूती से आगे खड़ा करते हैं।
जे.पी. नड्डा: BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे नड्डा पर भी चर्चा है। उनका संगठनात्मक अनुभव और NDA के अंदर उनकी भूमिका उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।
हरिवंश नारायण सिंह: ऐसा माना जा रहा है कि अस्थायी तौर पर वह चुनाव तक सुप्रीम निर्णय प्रक्रिया में सक्रिय रहेंगे, लेकिन यदि वे चुनाव लड़ते हैं, तो विपक्ष की रणनीति में असर हो सकता है।
शशि थरूर: पूर्व विदेश राज्य मंत्री और कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता, थरूर का नाम भी चर्चा में है, विशेषकर विपक्षी एकता और सामरिक संतुलन के दृष्टिकोण से।
चुनाव प्रक्रिया और रणनीति
उपराष्ट्रपति निर्वाचक मंडल में 233 लोकसभा और 245 राज्यसभा के सांसद शामिल हैं। चुनाव बहुमत-आधारित होगा, जहाँ NDA और INDIA संयोजन की रणनीतिक सहयोग की भूमिका अहम होगी |
पिछले वर्ष उपराष्ट्रपति चुनाव में धनखड़ को विपक्ष और NDA का साथ मिला था। लेकिन इस बार संभावित उम्मीदवारों की कड़ी प्रतिस्पर्धा है, जहां क्षेत्रीय समीकरण, आवासीय संतुलन (उत्तर–दक्षिण, पूर्व–पश्चिम) और दलों की आपसी चर्चाएँ निर्णायक साबित हो सकती हैं।
परिणाम पर नजर
चुनाव की तारीख जल्द घोषित होने की संभावना है। इसके बाद ही स्पष्ट होगा कि कौन सा नाम कांग्रेस-जनता दल बे, TMC, AAP, DMK और अन्य दलों का समर्थन प्राप्त करता है। अपेक्षित रूप से अगस्त के पहले सप्ताह में परिणाम आ सकते हैं।
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