केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से अन्नदाताओं की इनकम बढ़ाने पर निरंतर जोर जा रहा है। इसी को लेकर अब मंत्रालय की ओर से बैंकों से देश के पिछड़े जिलो में लोन डिस्ट्रीब्यूशन (ऋण वितरण) बढ़ाने का आदेश दिया है।
मिनिस्ट्री की ओर से बैंकों को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक गांव के पांच किलोमीटर के अंदर कम से कम एक बैंक की मौजूदगी लाजिमी हो। इसका उद्देश्य किसानों को बिना किसी परेशानी के ऋण संबंधी सुविधा मुहैया कराना और उनकी आर्थिक स्थिति को दुरूस्त करना है। इससे पहले सरकार की ओर से देश के हर किसान को क्रेडिट कार्ड जारी करने का भी आदेश दिया गया।
बैंकिंग सचिव विवेक जोशी ने नेतृत्व में पिछले जिलों के अग्रणी जिला प्रबंधकों (एलडीएम) और राज्य स्तरीय बैंक समिति (एसएलबीसी) के संयोजकों की मीटिंग के दौरान लक्षित वित्तीय समावेशन हस्तक्षेप कार्यक्रम (टीएफआईआईपी) के तहत 112 पिछड़े जिलों की तरक्की पर चर्चा की गई। वित्तीय समावेशन योजनाओं के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए बैंकों से पंचायती राज संस्थाओं की सहायता से गांवों में वित्तीय शिक्षा शिविर आयोजित करने का भी अनुरोध किया गया।
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