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भारत-चीन बॉर्डर के आखिरी गांवों के लोगों के बीच ऐसा भाईचारा है कि पुलिस को केस दर्ज करने के लिए सालों इंतजार करना पड़ता है। पिथौरागढ़ में स्थित सरहद के आखिरी थाने गुंजी में पिछले सात वर्षों में केवल पांच मुकदमे दर्ज हुए हैं, जो इस क्षेत्र की शांति और आपसी सामंजस्य को दर्शाता है।

गुंजी थाने की स्थापना सन् 2006 में हुई थी और ये थाना साल में पांच महीने ही चलता है। इस थाने में अंतिम केस 2022 में दर्ज किया गया था। सन् 2017 से पहले के केसों का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि यहां के लोग प्रकृति के पास रहकर शांत पूर्ण जीवन जीते हैं।

गुंजी थाना धारचूला तहसील मुख्यालय से लगभग 72 किलोमीटर दूर स्थित है और इसके अंतर्गत 15 से अधिक गांव आते हैं, जिनमें लगभग 4 हजार लोग रहते हैं। सर्दियों में यहां के लगभग दो हजार लोग प्रवास करते हैं, जबकि बाकी स्थायी रूप से अलग अलग गांवों में रहते हैं। गुंजी थाने में 2017 में सबसे गंभीर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद 2022 में चार मामूली मुकदमे दर्ज हुए।

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