
Up Kiran, Digital Desk: समाज में नफरत और जहर घोलने वाले भड़काऊ फ्लेक्स बैनरों और पोस्टरों को लेकर अब प्रकाशम जिला पुलिस ने बहुत ही कड़ा रुख अपना लिया है। हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां पोस्टरों में आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिससे शांति भंग होने का खतरा पैदा हो गया। इसी को देखते हुए अब पुलिस ने नए और सख्त नियम जारी किए हैं।
अब छापने वाला भी जाएगा जेल
जिले के एसपी एआर दामोदर ने गुरुवार को साफ कर दिया कि अब सिर्फ पोस्टर लगवाने वाला ही नहीं, बल्कि उसे डिजाइन करने वाला और छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस भी बराबर की जिम्मेदार होगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "डिजाइनर और प्रिंटिंग प्रेस वाले यह कहकर नहीं बच सकते कि ग्राहक ने जो कहा, हमने वो छाप दिया। अगर पोस्टर में कुछ भी गलत पाया गया, तो छापने वाले को भी बख्शा नहीं जाएगा।"
क्या हैं नए नियम: एसपी ने बताया कि किसी भी पोस्टर या बैनर में जाति, धर्म या समाज को बांटने वाली कोई भी बात नहीं होनी चाहिए। सांप्रदायिक नफरत फैलाने, किसी को व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने, अश्लील भाषा या किसी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले किसी भी कंटेंट को अब एक आपराधिक मामला माना जाएगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि दोषी पाए जाने पर आरोपी की गिरफ्तारी होगी, केस दर्ज किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर दुकान को भी सील कर दिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर भी है नजर
इतना ही नहीं, ऐसे भड़काऊ कंटेंट को सोशल मीडिया पर शेयर करना या उसे बढ़ावा देना भी अब एक अपराध माना जाएगा। एसपी ने युवाओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वे अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखें और जिम्मेदारी का परिचय दें। उन्होंने कहा कि हर शब्द और वाक्य के नतीजे होते हैं, इसलिए दूसरों को निशाना बनाने के बजाय समाज में जागरूकता फैलाने का काम करें।
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