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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के अनुभवी फॉरवर्ड और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता ललित उपाध्याय ने आज अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा कर दी है। 30 वर्षीय ललित, जो वाराणसी, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, ने दो ओलंपिक पदक (टोक्यो 2020 में कांस्य और पेरिस 2024 में रजत) जीतकर भारतीय हॉकी के लिए इतिहास रचा है।

ललित ने 2014 में सुल्तान अजलान शाह कप में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था। अपने लगभग एक दशक लंबे शानदार करियर में उन्होंने 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उनकी उपलब्धियों में 2014 और 2022 में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक, 2016 और 2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 में एफआईएच सीरीज फाइनल, और 2021-22 में एफआईएच प्रो लीग में कांस्य पदक शामिल हैं।

अपने संन्यास के बारे में बात करते हुए, ललित ने भावुक होकर कहा, "मेरा शरीर अब उस तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, जैसा मैं चाहता हूं। मैंने हमेशा अपनी टीम और देश के लिए 100 प्रतिशत प्रदर्शन करने की कोशिश की है, लेकिन अब मुझे लगता है कि यह युवाओं के लिए जगह बनाने और नई प्रतिभाओं को मौका देने का समय है।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं अपने देश के लिए खेलना जारी रखूंगा, लेकिन अब केवल घरेलू स्तर पर, अपनी रेलवे की टीम के लिए। मैं हॉकी इंडिया, मेरे सभी कोचों, साथियों, परिवार और उन सभी प्रशंसकों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे इतने सालों तक समर्थन दिया। यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है।"

ललित उपाध्याय भारतीय हॉकी टीम के एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं। उनकी ऊर्जावान खेल शैली और गोल स्कोरिंग क्षमता ने टीम को कई यादगार जीत दिलाई हैं। उनके संन्यास से भारतीय हॉकी में एक युग का अंत हुआ है, लेकिन उन्होंने युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल छोड़ी है।

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