Up Kiran, Digital Desk: हॉकी प्रेमियों के लिए इससे बड़ी ख़बर नहीं हो सकती. पाकिस्तान की पुरुष हॉकी टीम ने पहली बार FIH प्रो लीग के लिए क्वालिफ़ाई कर लिया है. पैसों की तंगी से जूझने के बावजूद, पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (PHF) ने ज़रूरी शर्तें पूरी कीं और अब वह दुनिया की टॉप टीमों के ख़िलाफ़ खेलती नज़र आएगी.
हारकर भी कैसे जीती पाकिस्तान की टीम?
यह क़िस्सा भी बड़ा मज़ेदार है. दरअसल, प्रो लीग में जगह बनाने के लिए मलेशिया में नेशंस कप खेला गया था, जिसके फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड ने पाकिस्तान को हरा दिया था. नियम के मुताबिक़, जीतने वाली टीम यानी न्यूज़ीलैंड को प्रो लीग में जगह मिलनी थी. लेकिन न्यूज़ीलैंड हॉकी ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि उनकी टीम इस बार हिस्सा नहीं लेना चाहती.
बस, यहीं पाकिस्तान की क़िस्मत खुल गई. नियमों के अनुसार, अगर जीतने वाली टीम मना कर देती है, तो उपविजेता (runner-up) को मौक़ा दिया जाता है. FIH ने पाकिस्तान को न्योता दिया और उन्होंने इसे ख़ुशी-ख़ुशी क़बूल कर लिया.
दो बार होगी भारत-पाकिस्तान की भिड़ंत
पाकिस्तान का प्रो लीग में आना सिर्फ़ उनकी वापसी नहीं है, बल्कि यह हॉकी के सबसे बड़े रोमांच की वापसी है. इस टूर्नामेंट के फॉर्मेट के मुताबिक़, अब दुनिया को दो बार भारत बनाम पाकिस्तान का महामुक़ाबला देखने को मिलेगा.
पाकिस्तान हॉकी के लिए यह एक नई सुबह की तरह है. एक समय था जब यह टीम 3 बार की ओलंपिक चैंपियन और 4 बार की वर्ल्ड कप विजेता थी. अब देखना यह होगा कि क्या वे इस सुनहरे मौक़े का फ़ायदा उठाकर अपनी खोई हुई शान वापस हासिल कर पाते हैं या नहीं.
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