Up Kiran, Digital Desk: आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो गए हैं. यह सिर्फ एक जन्मदिन नहीं, बल्कि उस नेतृत्व का उत्सव है जिसने पिछले एक दशक में भारत की राजनीति और दुनिया में भारत की छवि को एक नई दिशा दी है. उनका सफर साधारण से असाधारण तक का रहा है, जो करोड़ों भारतीयों को प्रेरणा देता है.
'भारत पहले' का विजन: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सबसे खास बात रही है उनका 'इंडिया फर्स्ट' का विजन. चाहे वह 'मेक इन इंडिया' हो, जिससे देश में ही उत्पादन को बढ़ावा मिला, या फिर 'आत्मनिर्भर भारत' का संकल्प, जिससे भारत को अपनी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े, उनके हर फैसले के केंद्र में भारत का हित रहा है.
गरीबों और वंचितों के लिए समर्पित सरकार
पीएम मोदी की छवि एक ऐसे नेता की बनी है जो गरीबों और आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति के बारे में सोचता है. 'जन धन योजना' से करोड़ों लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना, 'उज्ज्वला योजना' से गरीब महिलाओं को धुएं से आजादी दिलाना, या फिर 'पीएम-किसान सम्मान निधि' से छोटे किसानों को सीधे आर्थिक मदद पहुंचाना - ये कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है.
वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ता कद
आज दुनिया भारत को एक मजबूत और निर्णायक देश के रूप में देखती है. चाहे वह G20 का सफल आयोजन हो या फिर दुनिया के बड़े-बड़े देशों के साथ मजबूत होते रिश्ते, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी विदेश नीति से भारत को एक 'विश्व गुरु' की भूमिका में स्थापित करने का काम किया है.
उनका लक्ष्य स्पष्ट है - 2047 तक भारत को एक 'विकसित भारत' बनाना. 75 वर्ष की आयु में भी उनकी ऊर्जा और देश के लिए काम करने का जुनून हर किसी को प्रेरित करता है. उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि अगर इरादे नेक हों और विजन स्पष्ट हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.




