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Up Kiran, Digital News: उत्तर प्रदेश के मेरठ और खुर्जा से आई यह घटना न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार करती है बल्कि यह भी बताती है कि हमारे सिस्टम में संवेदनाओं की कितनी भारी कमी है। जब एक किशोरी को चलती कार से फेंक कर मार दिया जाता है और दूसरी के साथ हाईवे पर गैंगरेप होता है तब सवाल सिर्फ अपराधियों पर नहीं होते सवाल पुलिस की कार्यशैली प्रशासन की संवेदनशीलता और उस सिस्टम पर भी होते हैं जो पीड़ितों को राहत देने में अक्सर फेल हो जाता है।
क्या है पूरा मामला
6 मई की शाम सूरजपुर (गौतमबुद्ध नगर) में किराये पर रह रहीं दो किशोरियां अमित संदीप और गौरव नाम के तीन युवकों के साथ कार में निकलती हैं। थोड़ी देर बाद बीयर की केन खरीदी जाती है। लड़कों ने खुद भी पी और किशोरियों को जबरन पिलाई। फिर छेड़खानी और विरोध करने पर मारपीट।
इस अमानवीय घटना का चरम तब हुआ जब मेरठ के जानी थाना क्षेत्र में एक किशोरी को चलती कार से फेंक दिया गया उसकी मौत हो गई। दूसरी किशोरी को मेरठबुलंदशहर हाईवे पर ले जाकर तीनों आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया।
तीन दिन तक गुमशुदा रही बेटी सुनवाई तक नहीं हुई
इस पूरे मामले में जितना दिल दहला देने वाला क्राइम है उससे कहीं ज़्यादा शर्मनाक है पुलिस का आलसीपन। मृतक किशोरी के परिजन तीन दिन तक सूरजपुर थाने के चक्कर काटते रहे लेकिन उनकी गुमशुदगी दर्ज नहीं की गई। 7 मई को जब एक किशोरी के साथ गैंगरेप की शिकायत दर्ज हुई तब जाकर खुर्जा पुलिस ने पहल की। और तब तक एक लड़की की लाश मेरठ के जानी थाने में पहचान का इंतज़ार कर रही थी।
पोस्टमार्टम के लिए भी भटकते रहे परिजन
अब आप सोचिए बेटी की लाश मिल गई परिजन मेरठ बुलाए गए और फिर भी रातभर पोस्टमार्टम के लिए भटकना पड़ा। जानी थाना प्रभारी ने सिर्फ एक SI को मदद के लिए भेजा। क्या एक बच्ची की मौत की यही कीमत है। सुबह तक शव अंतिम संस्कार के लिए पड़ा रहा जब तक कि अधिकारी खुद हस्तक्षेप कर मामले में तेजी नहीं लाए।
पुलिस की लापरवाही या व्यवस्था की मौत
सूरजपुर पुलिस ने समय पर गुमशुदगी दर्ज नहीं की। मेरठ पुलिस को शव मिला लेकिन उन्होंने आसपास के थानों या सोशल मीडिया से पहचान कराने की कोई कोशिश नहीं की। जानी थाना पुलिस ने शव मिलने के बाद भी पूरा दिन टालमटोल किया। गैंगरेप पीड़िता के बयान के बाद भी अपराधियों को तत्काल नहीं पकड़ा गया। इन सबमें सबसे भयावह बात यह है कि अगर पुलिस पहले ही एक्टिव होती तो शायद एक जान बचाई जा सकती थी।
दोनों किशोरियों की स्थिति एक मारी गई दूसरी टूटी हुई ज़िंदा है
मृतक किशोरी बिहार के दरभंगा की रहने वाली थी। तो वहीं गैंगरेप पीड़िता प्रतापगढ़ से थी। दोनों ग्रेटर नोएडा में रहकर वेलकम गर्ल का काम करती थीं होटल इवेंट्स आदि में गेट पर स्वागत करने वाला वेलकम काम। दुखद ये है कि दोनों को एकदूसरे का घर तक पता नहीं था। फिलहाल खुर्जा नगर कोतवाली में दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
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