
Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश अब देश की तरक्की की रेस में धीरे-धीरे नहीं, बल्कि 16% की तूफानी रफ़्तार से दौड़ रहा है। यह सिर्फ कोई आंकड़ा नहीं, बल्कि उस बड़े बदलाव की कहानी है जिसे आज पूरा देश देख रहा है। यह कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री मोहन यादव का, जिन्होंने बड़े गर्व के साथ यह ऐलान किया है कि मध्य प्रदेश अब रुकने या थकने वालों में से नहीं है।
मुख्यमंत्री ने यह बड़ी बात आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान कही। यह एक ऐसी बैठक है जिसमें दुनिया भर के बड़े-बड़े निवेशक आते हैं और प्रदेश में पैसा लगाकर नई फैक्ट्रियां और कंपनियां खोलने की संभावनाएं तलाशते हैं।
एक दौर था 'बीमारू' का: एक समय था जब मध्य प्रदेश का नाम 'बीमारू' राज्यों की सूची में आता था। यह उन राज्यों के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द था जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए थे। लेकिन आज वही मध्य प्रदेश, कृषि से लेकर उद्योग तक, कई मामलों में देश को रास्ता दिखा रहा है और एक मिसाल कायम कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उस पुरानी छवि को बहुत पीछे छोड़ आए हैं।
इस 16% की तरक्की के क्या मायने हैं?
जब कोई राज्य 16% की दर से तरक्की करता है, तो इसका सीधा असर वहां रहने वाले हर एक आम नागरिक की ज़िंदगी पर पड़ता है। आइए, इसे सरल भाषा में समझते हैं:
नए रोजगार: तरक्की का मतलब है कि राज्य में नया निवेश आ रहा है, नई-नई कंपनियां और फैक्ट्रियां खुल रही हैं, जिससे सीधे तौर पर युवाओं के लिए नौकरियों के हज़ारों नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
बेहतर सुविधाएं: जब राज्य की अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है, तो सरकार के पास भी ज़्यादा पैसा आता है, जिससे वह लोगों को बेहतर सड़कें, बेहतर बिजली-पानी और अच्छी शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाएं दे पाती है।
किसानों की खुशहाली: मध्य प्रदेश कृषि के क्षेत्र में पहले ही कई रिकॉर्ड बना चुका है। तेज़ विकास का मतलब है कि किसानों को उनकी मेहनत का और भी अच्छा फल मिलेगा।
मुख्यमंत्री का यह संदेश साफ़ है - मध्य प्रदेश ने अपनी पुरानी छवि को पूरी तरह से पीछे छोड़ दिया है और अब वह भविष्य की ओर देख रहा है। यह एक ऐसा प्रदेश बनने की राह पर है जहाँ हर किसी के लिए तरक्की के बराबर मौके हों।