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Up Kiran Digital Desk: आज के आधुनिक युग में जहाँ जीवन की गति तेज हो गई है और प्रतिस्पर्धा हर क्षेत्र में बढ़ गई है ओवरथिंकिंग यानी अत्यधिक सोचने की समस्या एक आम बात हो गई है। लगातार किसी एक ही बात पर विचार करते रहना भविष्य की चिंताओं में डूबे रहना या अतीत के पछतावे में खोए रहना – यह सब ओवरथिंकिंग के लक्षण हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि यह स्थिति व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है और कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

ओवरथिंकिंग का मुख्य कारण वर्तमान में न जीकर भूतकाल की घटनाओं या भविष्य की अनिश्चितताओं के बारे में सोचते रहना है। अक्सर यह कहा जाता है कि "वर्तमान में जियो" जिसका अर्थ है इस पल का आनंद लेना और बिना कल की चिंता किए अपने आज को बेहतर बनाना।आइए जानते हैं कुछ ऐसे असरदार तरीके जिनकी मदद से ओवरथिंकिंग को नियंत्रित किया जा सकता है।

पहला उपाय

यह अक्सर देखा गया है कि लोग अपने बीते हुए कल या आने वाले कल के बारे में इतना अधिक सोचते हैं कि यह उनकी मानसिक शांति को भंग कर देता है। कई बार इसकी परिणति डिप्रेशन जैसी गंभीर स्थिति में हो जाती है। इसलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हम वर्तमान में जीना सीखें और अपने आज को बेहतर बनाने पर ध्यान दें। अपनी इंद्रियों पर ध्यान दें – आप क्या देख रहे हैं क्या सुन रहे हैं क्या महसूस कर रहे हैं। यह आपको वर्तमान क्षण से जोड़े रखेगा।

दूसरा उपाय

जब भी आपको लगे कि आप किसी बात को लेकर बहुत अधिक सोच रहे हैं और तनाव महसूस कर रहे हैं तो तुरंत किसी शांत जगह पर बैठ जाएं। धीरे-धीरे गहरी साँस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। यह सरल तकनीक आपके मन को शांत करने और तनाव को कम करने में अद्भुत काम करती है। कुछ मिनटों तक इस अभ्यास को करने से आप निश्चित रूप से बेहतर महसूस करेंगे।

तीसरा उपाय

यदि आपको लगता है कि आप लगातार किसी बात पर उलझे हुए हैं और अत्यधिक सोच रहे हैं तो इसके बारे में किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से मन का बोझ हल्का होता है। आप किसी मित्र परिवार के सदस्य या किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से भी सलाह ले सकते हैं। दूसरों के साथ अपनी चिंताओं को साझा करना एक प्रभावी तरीका है ओवरथिंकिंग से निपटने का।

चौथा उपाय

जब मन विचारों के भंवर में फंसा हो तो थोड़ी देर के लिए टहलने निकल जाएं। प्रकृति के बीच समय बिताने से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। अध्ययनों से पता चला है कि शारीरिक गतिविधि हमारे मूड को बेहतर बनाने में सहायक होती है। इसके अलावा अपने दिन की शुरुआत ध्यान और योग से करना भी ओवरथिंकिंग की समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकता है।

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