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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप के 2 दिवसीय दौरे पर हैं। मोदी ने पहले दिन तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया। फिर भारतीदासन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में करीब 20 हजार करोड़ के विकास कार्यों का उद्घाटन और भूमि पूजन किया। चुनावी साल में प्रधानमंत्री मोदी का यह राज्य का पहला दौरा है, इसलिए इस दौरे को खास महत्व मिल गया है।

पीएम के इस दौरे को कुछ महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव और बीजेपी के मिशन साउथ के लिहाज से देखा जा रहा है। दक्षिण में विस्तार के लिए बीजेपी की क्या रणनीति है?

साउथ में राजनीतिक पकड़ बनाने के लिए बीजेपी सांस्कृतिक, क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के साथ केंद्र सरकार की विकास योजनाओं के दम पर अपनी साख बनाने की कोशिश कर रही है। मिशन साउथ में बीजेपी का फोकस कर्नाटक और तेलंगाना के बाद अब तमिलनाडु पर है। पिछले 2021 चुनाव में बीजेपी ने तमिलनाडु में 4 सीटें जीती थीं। इसलिए यहां बीजेपी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। लेकिन उस वक्त बीजेपी ने AIMDMK के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। गठबंधन अब टूट चुका है।

तमिलनाडु में बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल दी है। तमिल राज्य में प्रवेश के लिए बीजेपी ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को केंद्र बनाकर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की नींव रखने की तैयारी की है। 2022 में पहली बार काशी तमिल संगम का आयोजन किया गया। हाल ही में दूसरे काशी तमिल संगम का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया। अपने संबोधन में मोदी ने तमिल साधुओं, संत कवियों और महापुरुषों का जिक्र किया। तमिलनाडु में भाषाविज्ञान हमेशा चर्चा में रहता है। ऐसे में भाषा और संस्कृति पर मोदी की टिप्पणी इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।

 

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