Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी ब्रिटेन यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस दौरे के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिनमें खालिस्तानी चरमपंथ से निपटना, भारत के वांछित भगोड़ों का प्रत्यर्पण और बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर प्रगति करना प्रमुख एजेंडे में शामिल होंगे।
हाल के दिनों में ब्रिटेन में खालिस्तानी तत्वों द्वारा की गई गतिविधियों, खासकर लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के बाद, भारत इस मुद्दे पर अपनी गंभीर चिंताओं से ब्रिटेन को अवगत कराएगा। उम्मीद है कि पीएम मोदी अपने ब्रिटिश समकक्ष के साथ इस बात पर जोर देंगे कि चरमपंथ से निपटने और भारतीय राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटेन को और ठोस कदम उठाने होंगे। यह मुद्दा दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु बना हुआ है।
यात्रा के एजेंडे में दूसरा प्रमुख मुद्दा आर्थिक अपराधियों और अन्य भगोड़ों का प्रत्यर्पण है, जिन्होंने भारतीय कानून से बचने के लिए ब्रिटेन में शरण ले रखी है। भारत लंबे समय से इन भगोड़ों को वापस लाने का प्रयास कर रहा है, और यह दौरा इस प्रक्रिया में तेजी लाने का एक अवसर प्रदान करेगा।
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी महत्वपूर्ण चर्चा होने की संभावना है। दोनों देश इस समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं, जो व्यापार और निवेश के नए अवसर खोलेगा और दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाएगा। रक्षा सहयोग, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियां भी एजेंडे का हिस्सा होंगी।
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