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Up Kiran Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर खिंचाव तेज़ हो गया है। इस बीच ईरान ने क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कूटनीतिक पहल शुरू कर दी है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची सोमवार को पाकिस्तान रवाना हो रहे हैं और उसके बाद भारत का दौरा करेंगे।

पाकिस्तान से भारत तक ईरानी डिप्लोमैसी का मिशन

अराघची पहले पाकिस्तान के नेताओं से बातचीत करेंगे और फिर भारत पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि यह यात्रा क्षेत्र में बढ़ते तनाव को शांत करने और दोनों पक्षों के बीच वार्ता की संभावनाओं को टटोलने के लिए की जा रही है।

ईरान के राष्ट्रपति की 'कूटनीतिक कॉल डिप्लोमेसी'

ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने भी भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से फोन पर बात कर तनाव कम करने की अपील की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बात कर हालिया हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन देने की बात कही। वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ से बात कर उन्होंने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

तेहरान बन सकता है मध्यस्थता का केंद्र

अराघची की यात्रा को विशेषज्ञ दोनों देशों के बीच 'बैकचैनल डिप्लोमेसी' की शुरुआत मान रहे हैं। तेहरान के अनुसार, ईरान भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी टकराव की स्थिति टालना चाहता है और दोनों देशों को वार्ता की मेज़ पर लाने के लिए तैयार है।


 

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