Up Kiran,Digital Desk: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के लिए एक बड़ा झटका उस समय लगा जब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) के बाकी बचे मैचों को अपने मुल्क में होस्ट करने से मना कर दिया। 9 मई शुक्रवार को जारी PCB के बयान में यह कहा गया था कि पीएसएल के बचें हुए मैच यूएई में खेले जाएंगे लेकिन अब यूएई ने यह शिफ्टेड आयोजन अपने देश में करने की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया है। यह न केवल पाकिस्तान के क्रिकेट को एक झटका है बल्कि पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए भी एक बड़ा धक्का है।
PSL क्यों UAE जा रहा था
पीएसएल का आयोजन पाकिस्तान में ही होता है लेकिन इस बार पाकिस्तान में सुरक्षा के कारण इसे यूएई शिफ्ट करना पड़ा। हाल ही में 8 मई को पाकिस्तान के रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम पर एक हमला हुआ जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। इस हमले के कारण पाकिस्तान के रावलपिंडी में होने वाला PSL का मैच कराची किंग्स और पेशावर जाल्मी के बीच स्थगित कर दिया गया। सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने फैसला लिया कि टूर्नामेंट के बाकी बचे 8 मैच अब यूएई में खेले जाएंगे।
यूएई ने पाकिस्तान की बेइज्जती कर दी
लेकिन यहां पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा झटका आया जब यूएई ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को साफ तौर पर मना कर दिया। पाकिस्तान ने बिना यूएई की इजाजत के ही अपने टूर्नामेंट के बचे हुए मैच वहां आयोजित करने की घोषणा की थी लेकिन अब यूएई ने इसका विरोध किया है। पाकिस्तान को अब यह सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया गया है कि वह PSL के बाकी मैचों के लिए किस देश का चयन करेगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
इस घटना के साथ ही पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते सैन्य तनाव का असर क्रिकेट और अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ता हुआ दिख रहा है। पाकिस्तान पर भारतीय सेना की मुंहतोड़ प्रतिक्रिया जारी है। हाल ही में भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया जिसमें भारत के 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। इस प्रकार के तनावपूर्ण वातावरण में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस प्रकार की बेइज्जती का सामना करना पड़ रहा है।
पाकिस्तान की छवि पर असर
यह घटना पाकिस्तान के लिए न केवल एक तात्कालिक झटका है बल्कि इसके लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर पड़ सकता है। यूएई जैसे प्रमुख मुस्लिम देश का मना करना पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को कमजोर करता है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड को अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए अन्य देशों की सहमति लेने की आवश्यकता है और सुरक्षा जैसी समस्याओं को गंभीरता से संबोधित करना पड़ेगा।
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