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पड़ोसी पाक की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. रुपया नीचे गिरता चला गया है और महंगाई चरम पर है। मुल्क कर्ज में डूबा है और खजाना खाली है। दिवालिया से बचने के लिए पाकिस्तान ने एक मर्तबा फिर कर्ज देने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था से गुहार लगाई है।

हिंदुस्तान व पाकिस्तान ने सन् 1947 में एक साथ अपनी आर्थिक यात्रा शुरू की थी। दोनों पड़ोसी मुल्क हैं और उनकी साझी विरासत है। यही कारण है कि आए दिन दोनों देशों की तुलना की जाती है। मगर आज हिंदुस्तान बहुत आगे निकल चुका है। भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पाकिस्तान दिवालिया के कगार पर है। 

हिंदुस्तान की इकॉनमी पाकिस्तान से लगभग दस गुना ज्यादा है। हिंदुस्तान के पास 576.761 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है जबकि पाकिस्तान के पास एक महीने के आयात के लिए भी विदेशी मुद्रा भंडार नहीं है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता था। काफी वक्त तक पाक की अर्थव्यवस्था भारत से कहीं आगे थी।

स्वतंत्रता के बाद हिंदुस्तान ने जहां गुट निरपेक्ष आंदोलन का मार्ग चुना, वहीं पाक अमेरिका की गोद में जाकर विराजमान हो गया। इसका उसे बहुत लाभ भी मिला। सन् 1960 में पाकिस्तान की पर कैपिटा GDP 83.33 डॉलर थी जबकि तब हिंदुस्तान की पर कैपिटा GDP 82.2 डॉलर थी। 1990 तक भी हिंदुस्तान व पाकिस्तान की जीडीपी लगभग एक बराबर 370 डॉलर पर पर्सन थी।

यही नहीं कई सोशयो-इकनॉमिक इंडिकेटर्स पर पाकिस्तान हिंदुस्तान से बेहतर स्थिति में था। मगर बावजूद मामला तेजी से बदलना शुरू हुआ। साल 2007 के बाद से हिंदुस्तान की पर कैपिटा GDP पाकिस्तान से निरंतर ज्यादा बनी हुई है। 2021 में हिंदुस्तानकी पर कैपिटा GDP 2,256.59 डॉलर और पाकिस्तान की 1505.01 डॉलर थी।

विदेशी मुद्रा भंडार

सन् 1960 पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 0.32 अरब डॉलर था जबकि हिंदुस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 0.67 अरब डॉलर था। यानी तब हिंदुस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान से लगभग दोगुना था। परन्तु अब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान के मुकाबले करीब 200 गुना ज्यादा है। 

pak के पास लगभग 3 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो एक महीने के आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3.1 अरब डॉलर रह गया है, जो 10 साल में सबसे कम है। दूसरी ओर, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 576.761 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। पाकिस्तान में एक डॉलर की कीमत 272 रुपये से ज्यादा पहुंच गई है। आज भारत श्रीलंका जैसे कई देशों को आर्थिक सहायता दे रहा है जबकि पाकिस्तान झोली लेकर कई मुल्कों से मदद मांग रहा है।

आपको बता दें कि वर्तमान में पाक का ऐसा हाल आतंकियों को पनाह देने की वजह से है। 

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