
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 11 अगस्त, 2025 को, नई दिल्ली में सांसदों (MPs) के लिए नव-निर्मित 184 बहुमंजिला फ्लैट्स का उद्घाटन किया। बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित यह नया आवासीय परिसर, सांसदों को आधुनिक और बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उपस्थित रहे।
नई MP आवास योजना की मुख्य विशेषताएं:
आधुनिक डिज़ाइन और सुविधाएँ: यह नया आवासीय परिसर 184 टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैट्स से सुसज्जित है। प्रत्येक फ्लैट लगभग 5,000 वर्ग फुट का कारपेट एरिया प्रदान करता है, जो सांसदों को रहने और आधिकारिक कार्यों के लिए पर्याप्त जगह देता है। इसमें समर्पित ऑफिस स्पेस, सहायक कर्मचारियों के लिए कमरे और सामुदायिक केंद्र जैसी सुविधाएँ भी शामिल हैं।
सुरक्षा और पर्यावरण-अनुकूल: ये इमारतें भूकंप-प्रतिरोधी हैं और जीआरएचए 3-स्टार रेटिंग के मानकों का पालन करती हैं। इनमें आधुनिक अग्निशमन प्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। परियोजना में ग्रीन टेक्नोलॉजी, ऊर्जा-कुशल फिटिंग, सौर ऊर्जा प्रणालियाँ और प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन को शामिल किया गया है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है।
ऊर्ध्वाधर आवास पर जोर: दिल्ली जैसे शहर में भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण, इस परियोजना में ऊर्ध्वाधर आवास विकास (vertical housing development) पर जोर दिया गया है ताकि भूमि का इष्टतम उपयोग हो सके और रखरखाव लागत कम हो सके।
नामकरण: परिसर में चार टावर हैं, जिनका नाम भारत की चार प्रमुख नदियों - कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली - पर रखा गया है, जो देश की एकता का प्रतीक हैं।
परियोजना लागत और उद्देश्य: इस परियोजना का निर्माण लगभग ₹550 करोड़ की लागत से पूरा हुआ है और इसे 100 साल से अधिक का शेल्फ-लाइफ देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका उद्देश्य सांसदों के लिए रहने की पुरानी समस्या का समाधान करना और उन्हें बेहतर "Ease of Living" प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री का संबोधन: उद्घाटन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने निर्माण में शामिल श्रमिकों ('श्रमजीवियों') के साथ बातचीत की और एक सिंदूर का पौधा भी रोपा, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले एक दशक में सांसदों के लिए आवास की कमी को दूर करने के लिए कोई नया निर्माण नहीं हुआ था, और यह पहल उसी कमी को पूरा करने के लिए की गई है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि "कोसी" नाम के टावर पर कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है, जो बिहार चुनावों के संदर्भ में विपक्ष पर एक अप्रत्यक्ष कटाक्ष था।
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