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Up Kiran, Digital Desk: नोएडा में हाल ही में आयोजित एक ऑटिज्म सहायता सेमिनार ने ऐसे माता-पिता के लिए आशा की नई किरण जगाई है, जो ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) से जूझ रहे बच्चों की परवरिश कर रहे हैं। इस संगोष्ठी ने अभिभावकों को न केवल भावनात्मक समर्थन प्रदान किया, बल्कि उन्हें अपने बच्चों की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए कई व्यावहारिक समाधान और ठोस उपाय भी सुझाए।

सेमिनार का मुख्य उद्देश्य ऑटिज्म के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इससे जुड़ी चुनौतियों को समझना और अभिभावकों को अपने बच्चों के विकास में मदद करने के लिए आवश्यक जानकारी और उपकरण प्रदान करना था। इसमें विशेषज्ञों, मनोचिकित्सकों, थेरेपिस्टों और विशेष शिक्षकों ने भाग लिया, जिन्होंने ऑटिज्म की प्रारंभिक पहचान, व्यवहार प्रबंधन, संचार कौशल में सुधार और शैक्षिक रणनीतियों पर विस्तृत जानकारी साझा की।

इस सेमिनार में बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भाग लिया। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से सीधे सवाल पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया। कई अभिभावकों ने बताया कि उन्हें इस मंच से बहुत राहत मिली, क्योंकि उन्हें महसूस हुआ कि वे इस यात्रा में अकेले नहीं हैं। उन्हें यह जानकर भी सशक्त महसूस हुआ कि उनके बच्चों की मदद के लिए कई प्रभावी तरीके और संसाधन उपलब्ध हैं।

यह पहल ऑटिज्म समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समावेशी समाज के निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव ला रही है। ऐसे सेमिनार न केवल ज्ञान का प्रसार करते हैं, बल्कि माता-पिता को एक-दूसरे से जुड़ने और एक मजबूत समर्थन नेटवर्क बनाने का अवसर भी प्रदान करते हैं, जो उनके और उनके बच्चों के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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