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Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बिहार में हुए SIR (Systematic Investigation Report) के दूसरे चरण पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिहार को लोकतंत्र की हत्या की प्रयोगशाला बना दिया गया है। इस रिपोर्ट के जरिए चुनाव आयोग ने लोकतंत्र की मूलधारा को कमजोर करने का प्रयास किया है, और अब वही मॉडल 12 राज्यों में दोहराया जा रहा है।

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल
पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि बिहार में SIR के माध्यम से लोकतंत्र को बर्बाद किया गया। उनका कहना था कि अब पूरे देश में वही पैटर्न लागू किया जा रहा है, जो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाता है। उन्होंने कहा, "यह बेहद खतरनाक संकेत हैं। लोकतंत्र को इस तरह से कमजोर करना हमारे संविधान के खिलाफ है।"

चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर गंभीर संकट
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग अब पहले जैसा नहीं रहा। उनका आरोप था कि 2003 में चुनाव आयोग ने जो SIR के दिशा-निर्देश बनाए थे, उन्हें अब सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आज जिस तरीके से आयोग कार्य कर रहा है, वह पुराने मानकों से कितना मेल खाता है। पवन खेड़ा ने चेतावनी दी कि अगर चुनाव आयोग पुराने दिशा-निर्देशों पर नहीं चलता, तो उसकी विश्वसनीयता पर स्थायी धब्बा लग जाएगा।

संविधानिक संस्थाओं पर उठे सवाल
पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग जैसी संविधानिक संस्थाओं की साख को लेकर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि इन संस्थाओं की विश्वसनीयता ही लोकतंत्र की नींव है, और अगर यही संस्थाएं अपनी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं लातीं तो लोकतंत्र की पूरी प्रणाली पर गहरा असर पड़ेगा। चुनाव आयोग को अपने कदमों को पारदर्शी बनाना होगा और जनता को बताना होगा कि SIR जैसे कदमों का असली उद्देश्य क्या है

कांग्रेस की पारदर्शिता की मांग
आखिर में पवन खेड़ा ने कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव आयोग से यह मांग की कि वह SIR की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे, ताकि जनता को सच्चाई का पता चल सके। उन्होंने कहा, "अगर चुनाव आयोग ने ऐसा नहीं किया तो यह लोकतंत्र की विश्वसनीयता के लिए घातक साबित होगा।"