
Up Kiran, Digital Desk: अभिनेत्री पायल घोष ने हाल ही में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर बात की है। उन्होंने खुलकर बताया है कि कैसे वे डिप्रेशन (अवसाद) और एंग्जायटी (चिंता) जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। एक सार्वजनिक हस्ती होने के नाते उनका इस बारे में बात करना मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक कलंक (stigma) को तोड़ने में मददगार साबित हो सकता है।
पायल ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह उनके लिए एक बहुत ही कठिन और चुनौतीपूर्ण दौर था। डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी स्थितियां व्यक्ति को अंदर से तोड़ सकती हैं और रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। अक्सर लोग इन समस्याओं को छिपाते हैं या मदद मांगने से डरते हैं।
पायल घोष का यह कदम उन अनगिनत लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है जो चुपचाप इन बीमारियों से लड़ रहे हैं। उनके साझा करने से यह संदेश जाता है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं वास्तविक हैं और इनसे उबरने के लिए मदद लेना ज़रूरी है। थेरेपी, परामर्श और सही समर्थन से इन स्थितियों का प्रबंधन किया जा सकता है।
एक अभिनेत्री के तौर पर, जो लगातार लोगों की नज़र में रहती हैं, पायल के लिए अपनी इस कमज़ोरी या संघर्ष को स्वीकार करना और सार्वजनिक रूप से बताना निश्चित रूप से साहस का काम है। उनका यह अनुभव मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और इस विषय पर खुलकर बात करने के लिए समाज को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
यह दिखाता है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं किसी को भी, कहीं भी हो सकती हैं, चाहे वे कितने भी सफल या प्रसिद्ध क्यों न हों। सबसे ज़रूरी है कि हम इन समस्याओं को समझें, पीड़ितों के प्रति संवेदनशील हों और उन्हें ज़रूरी मदद व समर्थन प्रदान करें।
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