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Up Kiran, Digital Desk: सनातन परंपरा में सदियों से दीपक जलाने का विधान है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन से अंधकार को मिटाकर ज्ञान और सकारात्मकता का प्रकाश फैलाने का प्रतीक है। पूजा-पाठ हो या कोई भी शुभ अवसर, दीपक की लौ के बिना अधूरा माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपक जलाने के कुछ खास वास्तु नियम भी होते हैं? अगर इन नियमों का सही ढंग से पालन किया जाए, तो घर में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार दीपक जलाने के उन गुप्त नियमों के बारे में, जो आपके जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकते हैं।

दीपक जलाने की सही दिशा: किस दिशा में जलाया दिया कराएगा धन लाभ?

वास्तु शास्त्र में हर कार्य के लिए एक निश्चित दिशा का निर्धारण किया गया है, और यह नियम दीपक जलाने पर भी लागू होता है। गलत दिशा में जलाया गया दीपक शुभ फल देने की बजाय अशुभ परिणाम दे सकता है।

किस तेल का करें प्रयोग: घी या तेल, क्या है बेहतर?

वास्तु के अनुसार, घर के मंदिर में हमेशा तिल के तेल या देसी घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। सरसों के तेल का दीपक घर के मंदिर में जलाने से बचना चाहिए। इसके अलावा, तुलसी के पौधे के नीचे नियमित रूप से घी का दीया जलाने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।

कैसा हो दीपक का स्वरूप?

बाजार में पीतल, चांदी और तांबे जैसे कई धातुओं के दीपक मिलते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार मिट्टी के दीये सबसे पवित्र और शुभ माने जाते हैं। मिट्टी को ऊर्जा का उत्तम भंडार माना गया है, इसलिए पारंपरिक रूप से मिट्टी के दीयों का विशेष महत्व है।
 

दीपक के नीचे रखें ये शुभ चीजें, होगा चमत्कार

दीपक को सीधे जमीन पर रखने की बजाय उसके नीचे कुछ शुभ अनाज रखने से उसका फल कई गुना बढ़ जाता है।

इन विशेष स्थानों पर भी जलाएं दीपक

इन छोटे-छोटे वास्तु नियमों का पालन करके आप अपने घर में न केवल सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा सकते हैं, बल्कि सुख, समृद्धि और शांति को भी आमंत्रित कर सकते हैं।