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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार एक नया सियासी दांव खेला गया था, और सबकी नजरें मशहूर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर टिकी थीं. चुनाव मैदान में कूदने से पहले उन्होंने दो बड़ी भविष्यवाणियां की थीं. इनमें से एक थी उनकी अपनी नवगठित जन सुराज पार्टी को लेकर, और दूसरी जनता दल (यूनाइटेड) के बारे में, जिसके वह कभी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके थे. अब चुनावी नतीजे सामने हैं, और आंकड़े बताते हैं कि प्रशांत किशोर की पहली भविष्यवाणी उन्हीं के लिए बुरी साबित हुई है, जबकि जदयू ने उनके अनुमान को गलत साबित करते हुए दमदार प्रदर्शन किया है.

जन सुराज: 'अर्श पर' नहीं, 'फर्श पर' उतरा सफर!

प्रशांत किशोर ने अपनी जन सुराज पार्टी को लेकर कहा था कि उनकी पार्टी 'अर्श पर या फर्श पर' होगी, यानी या तो वह ऊंचाइयों को छुएगी या फिर पूरी तरह से विफल हो जाएगी. दुख की बात है कि चुनावी परिणाम देखकर ऐसा लगता है कि उनकी यह भविष्यवाणी 'फर्श पर' आकर सही साबित हुई. उनकी राजनीतिक शुरुआत वैसी धमाकेदार नहीं रही, जैसी शायद उन्होंने सोची होगी. पार्टी सीटों के मामले में बहुत ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई, जो निश्चित रूप से उनके लिए एक झटका है.

जदयू का धमाकेदार प्रदर्शन, प्रशांत किशोर का दावा निकला गलत!

वहीं, प्रशांत किशोर ने जनता दल (यूनाइटेड) के बारे में यह कहा था कि पार्टी 25 से ज़्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी. उनकी इस भविष्यवाणी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जदयू के कई नेताओं ने गंभीरता से नहीं लिया था और कई मौकों पर इसका मजाक भी उड़ाया था. अब चुनावी नतीजे आ गए हैं, और जदयू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इस दावे को गलत साबित कर दिया है. ऐसा लगता है कि जदयू 80 से अधिक सीटें हासिल करती हुई दिख रही है. यह प्रदर्शन जदयू का 2010 के बाद का सबसे अच्छा माना जा रहा है. 2010 में उन्होंने इससे कहीं ज़्यादा सीटों पर लड़कर तीन अंकों का आंकड़ा छुआ था. इस बार कम सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद, उनका प्रदर्शन मजबूत रहा, और उन्होंने प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी को सिरे से खारिज कर दिया.

यह साफ है कि प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक यात्रा की पहली लड़ाई में उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं पाई है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि भविष्य में बिहार की राजनीति में उनकी भूमिका क्या होती है और वह इन नतीजों से क्या सबक लेकर आगे बढ़ते हैं.