_228517859.png)
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के एक बार फिर से बिहार की राजनीति में सक्रिय होने की चर्चाएं तेज हैं। इसी बीच जन सुराज आंदोलन के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न सिर्फ चिराग पासवान, बल्कि कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को भी बिहार की ज़मीनी सियासत में उतरने का खुला न्योता दिया है।
प्रशांत किशोर ने दो टूक कहा कि मुझे नहीं लगता कि चिराग के बिहार लौटने में कोई नई बात है। वो पहले से ही राजनीति में सक्रिय हैं, सांसद हैं, केंद्र में मंत्री हैं और एनडीए के अहम सदस्य हैं।
केंद्रीय मंत्री पद छोड़ें, बिहार में करें संघर्ष
प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान को नसीहत देते हुए कहा कि यदि वो वास्तव में बिहार की राजनीति में बदलाव लाना चाहते हैं, तो उन्हें केंद्रीय सत्ता का मोह छोड़कर राज्य में आकर राजनीतिक जमीन तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चिराग ने पहले कोशिश की थी। अगर अब वह दोबारा लौटते हैं, तो यह बिहार की राजनीति के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा।
कन्हैया कुमार भी लौटें बिहार, सिर्फ बातें नहीं संघर्ष करें
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार को नई सोच और नए नेतृत्व की ज़रूरत है। सिर्फ लालू-नीतीश के इर्द-गिर्द राजनीति को घुमाने का दौर अब खत्म होना चाहिए। कन्हैया कुमार, चिराग पासवान, तेजस्वी यादव और मैं- जिन लोगों को सच में बिहार के लिए कुछ करना है, उन्हें ज़मीनी स्तर पर उतरना होगा, सिर्फ बयानबाज़ी से काम नहीं चलेगा।
अगर चिराग एनडीए से अलग हों तो दिलचस्प होगा मुकाबला
2020 के विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान के एनडीए से अलग होकर लड़ने को लेकर हुए नुकसान पर भी पीके ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि उस समय केवल जेडीयू नहीं, बीजेपी की सीटें भी घटी थीं। चिराग को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा। कोरोना के बाद के हालात और सरकार के प्रति नाराजगी भी बड़ी वजह रही थी।
प्रशांत ने कहा कि यदि चिराग एनडीए से बाहर आकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ते हैं, तो चुनावी मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है। मगर मुझे फिलहाल इसकी संभावना नजर नहीं आती।