
Up Kiran, Digital Desk: भारत के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव ने फिनटेक (FinTech) कंपनियों को एक स्पष्ट संदेश दिया है: उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके धोखाधड़ी को प्रभावी ढंग से रोकना होगा, साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि वे देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दें। यह बयान फिनटेक क्षेत्र में नवाचार और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता को दर्शाता है।
DFS सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि फिनटेक कंपनियां जिस गति से बढ़ रही हैं, उसके साथ-साथ उन्हें धोखाधड़ी और साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए भी उतनी ही मज़बूत प्रणालियाँ विकसित करनी होंगी। AI और ML इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे संदिग्ध लेनदेन को पहचानने और पैटर्न-आधारित धोखाधड़ी को रोकने में अत्यधिक प्रभावी हैं।
लेकिन इसके साथ ही, उन्होंने यह भी याद दिलाया कि फिनटेक कंपनियों का एक सामाजिक दायित्व भी है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी सेवाएं केवल शहरी या पहले से जुड़े ग्राहकों तक ही सीमित न रहें, बल्कि वे ग्रामीण और वंचित आबादी तक भी पहुंचें, जिससे वास्तविक वित्तीय समावेशन हो सके।
प्रमुख बिंदु और अपेक्षाएं:
धोखाधड़ी पर नियंत्रण: AI/ML का उपयोग कर वास्तविक समय में धोखाधड़ी का पता लगाना और उसे रोकना।
साइबर सुरक्षा: उन्नत डेटा सुरक्षा और ग्राहक जानकारी की गोपनीयता सुनिश्चित करना।
वित्तीय समावेशन: बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच से वंचित लोगों को डिजिटल समाधान प्रदान करना।
नवाचार और जिम्मेदारी: नई तकनीकों को अपनाना लेकिन साथ ही नैतिक और जिम्मेदार तरीके से काम करना।
सरकार का यह रुख स्पष्ट है कि फिनटेक कंपनियों को केवल लाभ कमाने पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और समावेशी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में भी योगदान देना चाहिए। यह वित्तीय सेवाओं के डिजिटल परिदृश्य में विश्वास और स्थिरता बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
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