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Up Kiran, Digital Desk: ग़ाज़ा में लंबे संघर्ष के बीच, हाल ही में लागू हुए संघर्ष विराम के तहत कुछ सकारात्मक घटनाएं देखने को मिली हैं। हमास ने दो साल से बंदी बनाए गए इज़रायली नागरिकों को धीरे-धीरे रिहा करना शुरू किया है। रेड क्रॉस की मदद से इन बंधकों को दो चरणों में सौंपा गया, जिनमें से कई की हालत बेहद खराब थी।
जब शादी की तारीख ही समय का मापदंड बन गई
एल्काना बोहबोट नाम के एक बंदी ने बताया कि उन्हें सुरंगों में जंजीरों से बांध कर रखा गया था, जहां दिन-रात का कोई अंदाजा नहीं होता था। उन्होंने अपनी शादी की तारीख को याद रखते हुए नहाने की इच्छा जताई थी। पहले तो उन्हें इनकार मिला, लेकिन बाद में उन्हें थोड़ी राहत दी गई। ये छोटा सा पल उनके लिए बहुत मायने रखता था।
युवा जोड़े की प्रेम कहानी और त्रासदी
अविनतन ओर और उनकी गर्लफ्रेंड अर्गामनी 7 अक्टूबर 2023 को नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में शामिल होने गए थे, जहां से हमास ने उन्हें अगवा कर लिया। दो साल बाद रिहा हुए अविनतन ने बताया कि उन्हें अकेलेपन और भूख के भयंकर दौर से गुजरना पड़ा। शुरुआती जांच में पाया गया कि उनका वजन करीब 40% तक घट गया है।
अर्गामनी, जो पहले ही रिहा हो चुकी थीं, ने सोशल मीडिया पर उस दिन की भयावहता को याद करते हुए लिखा, “हर कोई जान बचाने के लिए भाग रहा था… वो आखिरी दिन था जब मैंने अविनतन को देखा।”
परिवार टूटे, उम्मीदें बची रहीं
28 वर्षीय एरियल क्यूनियो और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी हमास के कब्जे में थे। एक संघर्ष विराम के दौरान उनके परिवार को छोड़ दिया गया था, लेकिन एरियल को नहीं। उनकी ज़िंदा होने की पुष्टि फरवरी 2025 में तब हुई जब कुछ अन्य बंदियों ने उनकी जानकारी दी।
बंधकों की संख्या और स्थिति
अब तक कुल 48 इज़रायली बंदियों को हमास ने छोड़ा है, जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की पुष्टि हुई है। ये सभी वे लोग थे जिन्हें 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इज़रायल पर हमास के हमले के दौरान अगवा किया गया था। उस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे। जवाब में इज़रायल ने ग़ाज़ा में सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसमें हमास-शासित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 67,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
दर्दनाक यादें लेकर लौटे बंधक
मुक्त हुए बंदियों की कहानियां रूह कंपा देने वाली हैं। अविनतन ओर को 738 दिनों तक अकेले रखा गया, और उन्हें लंबे समय तक भोजन नहीं दिया गया। इज़रायली डिफेंस फोर्स में कार्यरत मतान एंगरेस्ट को भी कठोर यातनाएं दी गईं और एक बार तो वे बमबारी में मलबे में दब गए थे।
इन लोगों की हुई है अब तक रिहाई
अब तक जिन लोगों को छोड़ा गया है, उनमें अविनतन ओर, मतान एंगरेस्ट, डेविड क्यूनियो, एरियल क्यूनियो, एतान हॉर्न, रोम ब्रासलाब्स्की, एतान मोर, गाली बर्मन, जिव बर्मन, ओमरी मिरान, अलोन ओहेल, गाइ गिल्बोआ-दलाल, बार कूपरस्टीन, एव्यातर डेविड, योसेफ हाइम ओहाना, सेगेव काल्फोन, एल्काना बोहबोट, मैक्सिम हरकिन, निमरोड कोहेन और मतान जानगाउकर शामिल हैं।