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Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की पूर्व व्यापार नीतियों की आलोचना करते हुए कहा है कि देश ने बीते वर्षों में कुछ ऐसे व्यापारिक निर्णय लिए जो राष्ट्रीय हितों के अनुरूप नहीं थे। लंदन में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने उन देशों के साथ व्यापार समझौते किए, जो वास्तव में उसके प्रतिद्वंद्वी थे।

उनके अनुसार, विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों ने भारत के लिए कोई विशेष लाभ नहीं पहुंचाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को अपने बाज़ार की पहुंच उन देशों तक नहीं खोलनी चाहिए थी, जिनसे व्यापार संतुलन भारत के खिलाफ जा रहा था।

ASEAN समझौते पर सवाल

गोयल ने 2010 में लागू हुए भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते (AIFTA) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह समझौता एक रणनीतिक भूल साबित हुआ है। उनका तर्क था कि इस समझौते के तहत भारत ने मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया और अन्य आसियान देशों को अपने बाज़ार तक बिना शर्त पहुंच दी, जबकि ये देश सीधे तौर पर भारत के औद्योगिक हितों के लिए प्रतिस्पर्धी हैं।

मंत्री ने यह भी दावा किया कि इस क्षेत्र के माध्यम से चीन को अप्रत्यक्ष रूप से भारत के बाज़ार तक पहुंच मिली है। उन्होंने कहा कि चीन अपने उत्पादों को आसियान देशों के जरिये भारत में भेजता है, जिससे नियमों का उल्लंघन होता है और घरेलू उद्योगों को नुकसान होता है।

आसियान को बताया चीन की 'सहायक टीम'

पीयूष गोयल ने इन देशों को ‘चीन की बी-टीम’ कहकर संबोधित किया और कहा कि चीन AIFTA के प्रावधानों का फायदा उठाकर भारतीय बाज़ार में अपने उत्पादों की खपत बढ़ा रहा है। उनके अनुसार यह स्थिति भारतीय उत्पादन क्षेत्र और व्यापारिक संतुलन के लिए नुकसानदेह रही है।

नई व्यापार नीति की दिशा

गोयल ने यह भी बताया कि मौजूदा सरकार का फोकस अब विकसित देशों के साथ समझौते करने पर है। उन्होंने उदाहरण के रूप में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात का नाम लिया, जिनके साथ भारत की व्यापार वार्ताएं प्रगति पर हैं।

इसके अलावा, यूरोपीय संघ, अमेरिका, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) और दक्षिण अमेरिकी देशों जैसे चिली और पेरू के साथ भी व्यापारिक चर्चाएं जारी हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अब भारत उन साझेदारों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जिनसे दीर्घकालिक रणनीतिक और आर्थिक लाभ संभव हैं।

वर्तमान रणनीति: संतुलन और आत्मनिर्भरता की ओर

मंत्री का मानना है कि बीते समझौतों में भारत ने जल्दबाजी दिखाई और बाज़ार की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गई। अब समय है कि भारत केवल उन्हीं समझौतों में भाग ले जो उसके आर्थिक विकास और घरेलू उद्योगों के हित में हों।

उन्होंने संकेत दिया कि भारत की व्यापार नीति में अब ज़रूरी बदलाव किए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिस्पर्धी देशों के साथ पुनर्समीक्षा, चीन की अप्रत्यक्ष पहुंच पर नियंत्रण और रणनीतिक रूप से उपयुक्त साझेदारों के साथ सहयोग को प्राथमिकता दी जा रही है।

ASEAN: एक समीक्षात्मक दृष्टिकोण

आसियान समूह में 10 देश शामिल हैं: ब्रुनेई, म्यांमार, लाओस, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम। ये सभी राष्ट्र एक साझा सांस्कृतिक और भौगोलिक विरासत साझा करते हैं, लेकिन पीयूष गोयल के अनुसार, इन देशों के साथ किया गया समझौता भारत के लिए अपेक्षित लाभ नहीं दे सका है।

 

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