img

Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की सितंबर में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में दवाओं के 112 नमूने गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें तीन खांसी की दवाएँ भी शामिल थीं, जिनमें से एक नकली पाई गई। इन दवाओं में पंजाब की दवाओं के 11 नमूने भी फेल हुए, जिनकी सूची इस प्रकार है...

एजेन-20 रेपेब्राज़ोल टैबलेट आईपी (मोहाली): पेट की एसिडिटी कम करने के लिए।

पैनज़ोल-40 टैबलेट पैंटोप्राज़ोल ग्यास्ट्रो रेसिस्टेंट आईपी 40 मिलीग्राम (मोहाली): पेट की एसिडिटी और अल्सर के इलाज के लिए।

रैक्सोफेन आइबुप्रोफेन और पैरासिटामोल टैबलेट आईपी (मोहाली): दर्द और बुखार कम करने के लिए।

पोडोरम सेफपॉक्साइम टैबलेट आईपी 200 मिलीग्राम (गुरदासपुर): जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए।

साइप्रोहेप्टाडाइन टैबलेट आईपी 4 मिलीग्राम (गुरदासपुर): एलर्जी और अस्थमा से राहत के लिए।

लोपरामाइड हाइड्रोक्लोराइड कैप्सूल आईपी 2 मिलीग्राम (गुरदासपुर) - दस्त रोकने के लिए।

पैनज़ोल पैंटोप्राज़ोल सोडियम टैबलेट आईपी (गुरदासपुर) - उपयोग: पेट की एसिडिटी के इलाज के लिए।

एम्लोकेयर-एटी एम्लोडिपिन और एटेनोलोल टैबलेट आईपी (गुरदासपुर) : उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए।

एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलैनेट टैबलेट आईपी (एसएएस नगर) : जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए।

फेकोपॉड सेफपोडोक्साइम प्रोक्सेटिल टैबलेट 200 मिलीग्राम (डेराबस्सी) : संक्रमण के इलाज में।

पैरासिटामोल, फिनाइलेफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड और क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट सस्पेंशन (जालंधर) : सर्दी, खांसी और एलर्जी के इलाज में।

पंजाब में 8 दवाओं पर प्रतिबंध

कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध के बाद मान सरकार ने लगभग 12 दिन पहले आठ दवाओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। ये दवाएं राज्य की तीन दवा कंपनियों द्वारा निर्मित हैं। यह आदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय द्वारा जारी किया गया था। इन दवाओं के लिए एक बैच नंबर भी जारी किया गया था, जिनका अब उपयोग नहीं किया जाएगा।

पंजाब सरकार ने यह फैसला मरीजों को ये दवाएं देने के बाद प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की शिकायतें मिलने के बाद लिया। इन दवाओं में निमोनिया और गले, नाक व त्वचा के संक्रमण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं। इनके अलावा, दर्द निवारक दवाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

गौरतलब है कि जिन दवाओं के नमूने फेल हुए हैं, उनका इस्तेमाल हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, संक्रमण, दर्द, सूजन, एनीमिया और मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है।