Up Kiran, Digital Desk: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के लाखों छोटे व्यापारियों, उद्यमियों और सोने का काम करने वाले कारोबारियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। RBI ने लोन से जुड़े नियमों में कई महत्वपूर्ण और फायदेमंद बदलाव किए हैं, जिससे अब बैंकों के लिए कर्ज देना और कारोबारियों के लिए इसे लेना पहले से कहीं ज्यादा आसान और लचीला हो गया है।
ये नए नियम न केवल व्यापार करने में आसानी को बढ़ाएंगे, बल्कि बाजार में नकदी (लिक्विडिटी) को भी बढ़ावा देंगे। आइए, जानते हैं कि इन बदलावों से आपको क्या-क्या फायदे होंगे।
1. छोटे बिजनेस लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत
अगर आप एक छोटे उद्यमी हैं, तो आप जानते होंगे कि लोन पर लगने वाले ब्याज की दरें कितनी मायने रखती हैं। RBI ने इसी से जुड़ी एक बड़ी राहत दी है।
क्या था पुराना नियम? - अब तक, बैंक आपके क्रेडिट जोखिम (Credit Risk) के आधार पर लोन के ब्याज पर जो अतिरिक्त हिस्सा (जिसे 'स्प्रेड' कहते हैं) लगाते थे, उसकी समीक्षा केवल तीन साल में एक बार ही कर सकते थे। इसका मतलब था कि अगर आपकी वित्तीय स्थिति सुधर भी गई, तो भी आपको ब्याज दर में कमी के लिए तीन साल इंतजार करना पड़ता था।
क्या है नया नियम? - अब RBI ने बैंकों को यह छूट दे दी है कि वे तीन साल की अवधि से पहले भी ब्याज के 'स्प्रेड' को कम कर सकते हैं। इसका सीधा फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा। अगर आपका बिजनेस अच्छा चलता है और आपका क्रेडिट प्रोफाइल सुधरता है, तो बैंक आपकी ब्याज दर को जल्दी कम कर सकेगा।
फिक्स्ड रेट लोन का विकल्प: इसके अलावा, अब कर्जदारों को लोन रीसेट के समय फ्लोटिंग रेट से फिक्स्ड रेट ब्याज दर पर स्विच करने का विकल्प भी मिलेगा। इससे आप भविष्य में ब्याज दरें बढ़ने के जोखिम से बच सकते हैं।
2. ज्वैलर्स और सोने के कारीगरों की हुई चांदी!
RBI का दूसरा बड़ा फैसला उन व्यवसायों के लिए है जो सोने को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
पहले क्या था? - अब तक बैंक सोने की खरीद के लिए या सोने को गारंटी के तौर पर रखकर लोन देने से बचते थे। सिर्फ ज्वैलर्स को वर्किंग कैपिटल (रोजमर्रा के खर्चों के लिए लोन) देने के लिए कुछ सीमित छूट थी।
अब क्या बदला? - RBI ने इस नियम का दायरा बढ़ा दिया है। अब सिर्फ ज्वैलर्स ही नहीं, बल्कि कोई भी व्यवसाय जो अपने निर्माण या औद्योगिक काम के लिए सोने का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में करता है, उसे आसानी से वर्किंग कैपिटल लोन मिल सकेगा। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स या मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियां जो सोने का उपयोग करती हैं, वे भी अब इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगी। इससे क्रेडिट की पहुंच उन सेक्टरों तक भी होगी, जिन्हें पहले यह सुविधा नहीं मिलती थी।
3. लोन सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए अन्य बड़े कदम
RBI ने इन दो बड़ी राहतों के अलावा भी कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे हैं:
जल्द अपडेट होगी क्रेडिट रिपोर्ट: अब बैंक आपकी लोन की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो (जैसे CIBIL) को हर पंद्रह दिन के बजाय हर हफ्ते भेजेंगे। इससे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर ज्यादा जल्दी अपडेट होगा।
CKYC नंबर का इस्तेमाल: आपकी क्रेडिट जानकारी को और सटीक बनाने के लिए अब Central KYC (CKYC) नंबर का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
छोटे सहकारी बैंकों की बढ़ेगी भूमिका: छोटे शहरी सहकारी बैंकों को भी लोन देने में ज्यादा भूमिका दी जाएगी, जिससे छोटे शहरों और कस्बों में लोन की उपलब्धता बढ़ेगी।
RBI के ये नए कदम लोन प्रक्रिया को पहले से ज्यादा पारदर्शी, लचीला और ग्राहक-हितैषी बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास हैं, जिसका सीधा फायदा देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा।
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