
Up Kiran, Digital Desk: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या पर अपनी राय देते हुए कहा है कि इसका समाधान केवल उनकी आबादी को नियंत्रित करने में है, न कि उन्हें शेल्टर होम में बंद करने में। उन्होंने कटक में एक धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पशुओं को जीने का अधिकार है और इस समस्या का स्थायी हल जनसंख्या नियंत्रण में ही है।
भागवत, जो स्वयं पशु चिकित्सा विज्ञान के स्नातक हैं, ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजने के आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह केवल आबादी को विनियमित करके ही हल किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी उदाहरण दिया कि जिस तरह भारत में गाय का दूध निकालते समय मनुष्य अपने लिए कुछ हिस्सा लेता है और बछड़े के लिए पर्याप्त छोड़ देता है, उसी तरह प्रकृति और मनुष्य के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।
उन्होंने भारत की कृषि पद्धतियों की तुलना यूरोपीय तरीकों से करते हुए कहा कि भारतीय किसान धरती का अत्यधिक दोहन नहीं करते, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, जबकि यूरोपीय तरीकों से मिट्टी का क्षरण हुआ है। भागवत ने प्रकृति से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए पारंपरिक तरीकों को अपनाने की वकालत की।
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