img

PM Position: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में उस समय के बारे में बताया जब उन्हें विपक्षी दलों में से एक ने प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी। परिवहन और नेशनल हाईवे मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस प्रस्ताव को 'बस अस्वीकार कर दिया' क्योंकि उन्हें इस पद की कोई आकांक्षा नहीं थी।

नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नेता को बताया कि वह अपनी विचारधारा और विश्वासों पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें उनकी उम्मीदों से कहीं ज़्यादा अवसर दिए हैं और कोई भी प्रस्ताव उन्हें उनके सिद्धांतों से विचलित नहीं कर सकता। उन्होंने संकेत दिया कि विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने 2024 के आम चुनावों से पहले उनसे संपर्क किया था, जब ऐसी चिंताएँ थीं कि BJP को पूर्ण बहुमत नहीं मिल सकता है और सरकार बनाने के लिए उसे कुछ विपक्षी दलों के समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।

पीटीआई ने गडकरी के हवाले से बताया, "मुझे एक घटना याद है, मैं किसी का नाम नहीं लूंगा - उस व्यक्ति ने कहा था, "यदि आप प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, तो हम आपका समर्थन करेंगे।"

उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी, मगर BJP के दिग्गज नेता ने कहा, "मैंने पूछा कि आपको मेरा समर्थन क्यों करना चाहिए और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए। प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है। मैं अपने विश्वास और अपने संगठन के प्रति वफादार हूं और मैं किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करने जा रहा हूं क्योंकि मेरा विश्वास मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।"

नितिन ने मीडिया से अपने पेशे के प्रति दृढ़ विश्वास बनाए रखने का आग्रह किया तथा पत्रकारों की अगली पीढ़ी तक प्रतिबद्धता की इस भावना को पहुंचाने के महत्व पर बल दिया।

गडकरी ने मीडिया में "सुपारी" पत्रकारों की बढ़ती मौजूदगी पर चिंता व्यक्त की और कुछ पत्रकारों पर ब्लैकमेल और निजी लाभ के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने ऐसे उदाहरणों पर प्रकाश डाला जहां कुछ पत्रकारों ने मर्सिडीज कार जैसी विलासिता की वस्तुएं हासिल करने के लिए अनैतिक तरीकों का सहारा लिया है।

हालांकि गडकरी ने किसी का नाम लेने से परहेज किया, मगर रिपोर्ट्स बताती हैं कि केंद्र में सरकार बनाने की तैयारियों के दौरान इंडिया ब्लॉक ने वरिष्ठ BJP नेता को अपने पाले में करने की कोशिश की। यह भी बताया गया है कि इस दौरान विपक्ष ने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी।

--Advertisement--