Up Kiran, Digital Desk: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई हालिया कैबिनेट बैठक में राजस्थान सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में आम जनता से सीधे जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इनमें जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून, प्रधानमंत्री सूर्य गृह योजना के तहत मुफ्त बिजली, शहरी क्षेत्रों में एलईडी स्ट्रीट लाइट, कॉलेजों में भर्ती और प्रदूषण नियंत्रण की नई नीति जैसे प्रमुख निर्णय शामिल हैं।
जबरन धर्म परिवर्तन पर कड़ा कानून
राजस्थान सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी विधेयक-2025 में संशोधन लाने का निर्णय लिया है। इसके तहत, जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराए जाने पर आजीवन कारावास और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
विवाह को केवल तभी अमान्य घोषित किया जाएगा, जब उसका उद्देश्य धर्म परिवर्तन सिद्ध हो।
ऐसे अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती रहेंगे।
धर्म परिवर्तन के बाद मजिस्ट्रेट को सूचित करना अनिवार्य होगा।
प्रधानमंत्री सूर्य गृह योजना: घर-घर फ्री बिजली
राजस्थान के 1.04 करोड़ पंजीकृत उपभोक्ताओं को इस योजना के तहत हर महीने 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
150 यूनिट से अधिक खपत वाले 27 लाख घरों में रूफटॉप सोलर पैनल (1.1 किलोवाट क्षमता) लगाए जाएंगे।
जिन घरों में सोलर पैनल लगाने की जगह नहीं है, उनके लिए बिजली कंपनियाँ सामुदायिक सौर संयंत्र स्थापित करेंगी।
शुरुआती 10 लाख उपभोक्ताओं को 1,100 रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी।
शहरी क्षेत्रों में 2 लाख LED स्ट्रीट लाइट
शहरी स्थानीय निकायों में पहले से तय 1 लाख के बजाय अब 2 लाख नई एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी।
हाल ही में शहरी निकायों की संख्या बढ़कर 312 हो चुकी है।
पुराने प्रकाश व्यवस्था को बदलने के लिए 160 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
कॉलेजों में 4,724 पदों पर भर्ती
राजस्थान कॉलेज शिक्षा सोसायटी (RAJSES) के अंतर्गत 374 कॉलेजों में भर्ती की मंजूरी दी गई है।
कुल 4,724 पद, जिनमें से 3,540 शैक्षणिक पद होंगे।
पात्रता के लिए UGC गाइडलाइंस के अनुसार NET, SLET, SET या PhD आवश्यक होगी।
चयनित कर्मचारियों को 5 वर्ष के अनुबंध पर नियुक्त किया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण: नई सीवेज नीति
कैबिनेट ने सीवेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य हर घर को सीवेज सिस्टम से जोड़ना और स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को साकार करना है।
नई नीति ट्रीटेड वॉटर, स्लज और बायोगैस के पुन: उपयोग के लिए प्रोत्साहन देती है।
इसका मकसद पर्यावरणीय खतरों को कम करना और वृत्ताकार अर्थव्यवस्था (Circular Economy) को बढ़ावा देना है।
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