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Bhimtal Accident: 25 दिसंबर की दोपहर एक बजे हल्द्वानी डिपो की बस आमडाली पहुंची और कुछ ही क्षणों में एक भयानक हादसे का शिकार हो गई। यह घटना चार नवंबर को मरचूला में हुए हादसे से भी गंभीर थी। बस 150 फुट गहरी खाई में गिर गई, जिससे उसके टुकड़े-टुकड़े हो गए और छत उड़ गई। लगेज स्टैंड समेत कई हिस्से चारों ओर बिखरे हुए थे। यात्रियों को संभलने का कोई समय नहीं मिला और बस ने चार-पांच पलटी मारते हुए खाई में गिरने का भयानक दृश्य प्रस्तुत किया। इस हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 26 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए।

दमुवाढूंगा की रहने वाली रंजना को जब पता चला कि उसकी सहेली भूमिका बस हादसे में जख्मी हो गई है और उसे एंबुलेंस से लाया जा रहा है, तो वह दोपहर ढाई बजे सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंच गई। एंबुलेंस आते ही रंजना हर एमरजेंसी गाड़ी में अपनी दोस्त को खोजती रही। उसने महिला तीमारदार से पूछा, "आंटी, 2132 नंबर की एंबुलेंस आई क्या?"

आखिर में भूमिका के आने पर रंजना ने राहत की सांस ली और भूमिका का इलाज जारी है। इसी बीच, एक लड़की के पिता भी अस्पताल पहुंचे और नाराजगी जताई कि वे भीमताल से आए हैं, मगर अब तक एंबुलेंस नहीं आई। उन्होंने कहा कि भीमताल रोड पर ट्रैफिक बहुत ज्यादा है और घायलों के देर से पहुंचने के लिए कौन जिम्मेदार होगा।

भीमताल के आमडाली में हुए इस हादसे में एक फैसले से 10 छात्राओं की जिंदगी बच गई। ये छात्राएं पिथौरागढ़ के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रही थीं और बुधवार को छुट्टी के चलते हल्द्वानी जाने के लिए बस में बैठी थीं। अचानक नैनीताल घूमने का प्लान बनने पर वे घटनास्थल से करीब छह किलोमीटर पहले खुटानी में उतर गईं। हल्द्वानी डिपो की बस यूके 07 पीए 2822 बुधवार सुबह पिथौरागढ़ से हल्द्वानी के लिए रवाना हुई थी, जिसका परिचालक गिरीश चंद्र दानी और चालक रमेश चंद्र पांडे थे।
 

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