Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड की जानी-मानी और शानदार अभिनेत्री रेखा को हाल ही में रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें यह रेड सी ऑनरी अवार्ड उस समय दिया गया जब उनकी सबसे प्रसिद्ध फिल्म उमराव जान का पुनर्स्थापित संस्करण प्रदर्शित किया गया। फिल्म के इस खास संस्करण में रेखा के अभिनय का जादू फिर से दर्शकों के दिलों में बसा, खासतौर पर उनके द्वारा गाए गए लोकप्रिय गीत 'दिल चीज़ क्या है' की पंक्तियों के साथ।
रेखा की शायरी और शांति की अद्भुत छवि
उमराव जान की शैली में रेखा ने न सिर्फ अपनी अदाकारी से बल्कि अपनी शायरी से भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान रेखा ने अपने दिल को छूने वाले शब्दों के साथ कहा, "क्या अंजुमन में आपका आना है बार-बार... दीवार-ओ-दर को गौर से पहचान लीजिए।" उनके इस बयान में उमराव जान की आत्मा और शायरी की गहरी भावना छिपी थी, जो दर्शकों को याद दिलाती है कि फिल्मों का जादू कभी खत्म नहीं होता।
रेखा का सिनेमा के प्रति प्यार और गहरी श्रद्धा
रेखा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, "फिल्मों को उपचार का सबसे बड़ा स्रोत मानती हूं। हर रोज़ फ़िल्में देखने आइए, यही एकमात्र सुकून देने वाला तत्व है। फिल्मों से बढ़कर कोई औषधि नहीं है। मैं इसका जीता जागता उदाहरण हूं।" उनका यह बयान फिल्मों के प्रति उनके अपार प्रेम और विश्वास को दर्शाता है, जो उनके जीवन के एक अहम हिस्सा हैं।
रेखा की सादगी और माँ की सीख
रेखा ने अपनी माँ, पुष्पावल्ली को याद करते हुए बताया कि उन्होंने हमेशा उन्हें अपने बारे में ज्यादा न बोलने की सलाह दी थी। रेखा ने कहा, "मेरी माँ हमेशा कहती थीं, अपनी उपलब्धियों के बारे में बात मत करो, तुम्हारा जीवन ही सबक होना चाहिए।" रेखा की यह साधगी और गहरी सोच दर्शाती है कि वह हमेशा अपने काम से ज्यादा बोलने से बचती हैं।
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