
Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की हाईटेक सिटी (High-tech city) के नाम से मशहूर गुरुग्राम (Gurugram) एक बार फिर मानसून की शुरुआती बारिश में ही जलमग्न (waterlogged) हो गया है। सड़कों पर पानी भरने (waterlogged streets) का एक वायरल वीडियो (viral video) सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें बच्चे घुटनों तक भरे पानी में तैरते (kids swimming in waterlogged streets) और खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसने स्थानीय निवासियों के गुस्से (residents outraged) को और भड़का दिया है।यह घटना शहर के खराब बुनियादी ढांचे (poor infrastructure) और मानसून के मौसम में बार-बार आने वाली जल निकासी (drainage) की समस्याओं को उजागर करती है, जिस पर प्रशासन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पाया है।
वीडियो में गुरुग्राम (Gurugram) की उन 'स्मार्ट सिटी' (Smart City) की सड़कों का भयावह दृश्य दिख रहा है, जो चंद घंटों की बारिश में ही किसी तालाब में तब्दील हो गईं। बच्चे खुशी-खुशी इस पानी में गोता लगाते और तैरते नजर आ रहे हैं, जो एक ओर उनकी मासूमियत को दर्शाता है, लेकिन दूसरी ओर शहर की नागरिक व्यवस्था (civic system) पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाता है। यह दृश्य शहर के शहरी नियोजन (urban planning) और जल प्रबंधन (water management) की गंभीर खामियों को उजागर करता है।
निवासियों का गुस्सा और हर साल की त्रासदी: गुरुग्राम (Gurugram) के निवासियों का गुस्सा जायज है। उन्हें हर साल मानसून (Monsoon) के मौसम में इसी तरह की दुर्दशा का सामना करना पड़ता है। जलभराव (waterlogging) के कारण न केवल दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है, बल्कि सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम (traffic jam) लग जाता है, जिससे लोगों को घंटों फंसे रहना पड़ता है। स्कूल और कॉलेज बंद करने पड़ते हैं, व्यापारिक गतिविधियाँ ठप पड़ जाती हैं, और आवश्यक सेवाओं (essential services) पर भी बुरा असर पड़ता है। लोगों का कहना है कि प्रशासन केवल आश्वासन देता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं होता।
स्थानीय निवासियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा करते हुए प्रशासन के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की है। उनका कहना है कि गुरुग्राम (Gurugram) एक प्रमुख आईटी और व्यावसायिक केंद्र (IT and business hub) है, जहां देश-विदेश से लोग काम करने आते हैं, लेकिन हर साल जलभराव की समस्या शहर की छवि को धूमिल करती है। यह दिखाता है कि कैसे तेजी से हो रहा शहरीकरण (urbanization) बिना उचित नियोजन के आपदा का कारण बन सकता है।
समस्या का मूल कारण और आगे की राह: विशेषज्ञों का मानना है कि गुरुग्राम (Gurugram) में जलभराव की मुख्य वजह पुरानी और अपर्याप्त जल निकासी प्रणाली (inadequate drainage system) है। शहर का तेजी से विकास हुआ है, लेकिन ड्रेनेज नेटवर्क (drainage network) को उसी अनुपात में उन्नत नहीं किया गया। इसके अलावा, अतिक्रमण (encroachment) और निर्माण कार्यों के कारण प्राकृतिक जल निकासी के रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे पानी को निकलने की जगह नहीं मिल पाती।
इस समस्या से निपटने के लिए गुरुग्राम (Gurugram) के नगर निगम (Municipal Corporation) और हरियाणा सरकार (Haryana government) को दीर्घकालिक समाधानों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसमें मौजूदा ड्रेनेज सिस्टम का नवीनीकरण, नए और बड़े नालों का निर्माण, अतिक्रमण हटाना और वर्षा जल संचयन (rainwater harvesting) जैसी तकनीकों को बढ़ावा देना शामिल है। निवासियों की मांग है कि केवल तात्कालिक उपाय करने के बजाय, एक स्थायी योजना बनाई जाए ताकि हर मानसून में यह त्रासदी दोहराई न जाए। तभी गुरुग्राम (Gurugram) वास्तव में एक 'स्मार्ट सिटी' (Smart City) बन पाएगा और अपने निवासियों को एक सुरक्षित और सुगम जीवन प्रदान कर पाएगा।
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