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Rohit Sharma: कटक के बाराबती मैदान में इंग्लैंड के विरुद्ध दूसरे वनडे से पहले कप्तान रोहित शर्मा पर बहुत प्रेशर था। NZ और AUS के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में वह फ्लॉप रहे और जम्मू-कश्मीर के विरुद्ध रणजी ट्रॉफी मुकाबले में भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने में विफल रहे और इंग्लैंड के विरुद्ध पहले वनडे में भी फ्लॉप रहे। उनके प्रदर्शन ने उनकी क्षमता पर संदेह पैदा कर दिया क्योंकि कुछ रिपोर्टों ने यह भी दावा किया कि अगर वह नहीं सुधरे तो क्रिकेटर चैंपियंस ट्रॉफी टीम से खुद को बाहर कर सकते हैं।

दूसरे वनडे में 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहर बरपाते हुए 90 गेंदों पर 119 रन बनाकर सभी संदेहों को खत्म कर दिया। उनकी शानदार पारी ने भारत को चार विकेट से मैच जीतने में मदद की और आखिरकार सीरीज पर कब्ज़ा कर लिया। हिटमैन के नाम से मशहूर, उन्होंने शुरुआत से ही आक्रामक क्रिकेट खेला और इसी वजह से उन्हें 13 पारियों के बाद शतक बनाने का मौका मिला।

खेल के बाद रोहित ने अपनी तैयारियों के बारे में बताया और कहा कि उन्होंने स्थिति का आकलन किया और फॉर्म में वापस आने पर फोकस किया। उनका इरादा जितना संभव हो सके उतना टिक कर के बैटिंग करने का था और चूंकि मैच काली मिट्टी पर खेला गया था, इसलिए उन्होंने रन बनाने के लिए बल्ले का मुंह खोला। हिटमैन ने ये भी कहा कि उन्हें शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर से अच्छा समर्थन मिला, जिससे चीजें आसान हो गईं।

हिटमैन ने मैच के बाद कहा, "मैंने इसे टुकड़ों में तोड़ दिया कि मैं कैसे बैटिंग करना चाहता हूं। यह एक ऐसा प्रारूप है जो टी 20 क्रिकेट से लंबा और टेस्ट से बहुत छोटा है। फिर भी, आपको स्थिति के अनुसार आकलन और बल्लेबाजी करने की आवश्यकता है। मैं केंद्रित रहना चाहता था और जितना संभव हो उतना गहराई से बैटिंग करना चाहता था।"