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Up Kiran, Digital Desk: बीजिंग इस हफ्ते एक बार फिर से बड़ी कूटनीतिक हलचल का केंद्र बना। शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत आठ देशों के शीर्ष नेता शामिल हुए। इस मंच से जहां एशिया के देशों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, वहीं इसे पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका के लिए एक परोक्ष संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
अमेरिका से टकराव और भारत की भूमिका
हाल ही में अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर पचास प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया है। ऐसे में सबकी नजरें इस सम्मेलन में भारत की रणनीति पर टिक गईं। भारत ने बैठक से पहले ही साफ कर दिया था कि अगर पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र साझा घोषणा पत्र में नहीं होगा तो वह उस पर हस्ताक्षर करने से पीछे हट सकता है।
एससीओ की पृष्ठभूमि
इस संगठन की स्थापना मूल रूप से मध्य एशिया में अमेरिका के प्रभाव को सीमित करने के मकसद से की गई थी। शुरू में इसके कुछ ही सदस्य थे, लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसका विस्तार हुआ। भारत और पाकिस्तान को 2017 में सदस्यता दी गई, 2023 में ईरान जुड़ा और 2024 में बेलारूस को भी शामिल कर लिया गया। आज इसके स्थायी सदस्य दस देश हैं—रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान।
बदलते समीकरण
एससीओ में लंबे समय तक चीन का दबदबा रहा, जबकि रूस अपनी पकड़ मध्य एशियाई देशों पर बनाए रखना चाहता था। ईरान और बेलारूस पश्चिमी प्रतिबंधों से निकलने के लिए इस मंच से जुड़े। पाकिस्तान पूरी तरह चीन के सहारे इस समूह का हिस्सा बना।
भारत के शामिल होने के बाद संगठन का संतुलन काफी हद तक बदल गया। नई दिल्ली ने तटस्थ रुख अपनाते हुए रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीदा, लेकिन साथ ही यूक्रेन युद्ध पर रूस का समर्थन नहीं किया। यही नहीं, चीन की ताइवान नीति पर भी भारत ने दूरी बनाए रखी। इस कारण रूस और चीन की पकड़ पहले जैसी मजबूत नहीं रह पाई।
इस बार का विवाद
भारत ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर उसके सुरक्षा हितों को अनदेखा किया गया, तो वह साझा बयान का हिस्सा नहीं बनेगा। दरअसल, पहलगाम हमले को अंतिम दस्तावेज़ में शामिल नहीं किया गया, जिससे भारत नाराज है। इस सम्मेलन में मेहमान के तौर पर नेपाल, मिस्र और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देश भी आमंत्रित किए गए, जिससे यह आयोजन और भी अहम हो गया।
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