img

Hindenburg Row: लगभग 18 महीने बाद हिंडनबर्ग ने फिर से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर इल्जाम लगाए गए हैं।

हिंडनबर्ग का दावा है कि माधवी पुरी बुच ने सेबी चीफ रहते हुए सिंगापुर की एक ऑफशोर कंसल्टिंग फर्म की मालिकाना हक अपने पति को सौंपा और प्राइवेट ईमेल के जरिए ऑफशोर फंड को मैनेज किया। इल्जाम ये भी है कि माधवी ने अडानी मामले में कार्रवाई में देरी की, जिससे उनके पति के सीनियर एडवाइजर के रूप में लाभ हुआ।

साथ ही हिंडनबर्ग ने ये भी कहा कि माधवी पुरी बुच की सेबी की सैलरी के मुकाबले उनकी कमाई ज्यादा है और उन्होंने कंसल्टिंग फर्म अगोरा एडवायजरी में बड़ी हिस्सेदारी रखी है। रिपोर्ट में ये भी उल्लेख किया गया कि माधवी और उनके पति की कुल संपत्ति करीबन 83 करोड़ रुपये है, जबकि सेबी की ऑफिशियल वेबसाइट पर उनकी ग्रॉस सैलरी 3,19,500 रुपए बताई गई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, माधवी पुरी बुच और उनके जीवनसाथी पति की टोटल संपत्ति एक करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी करीब 83 करोड़ रुपए है। वो कंसल्टेंसी फर्म से अपने वेतन से ज्यादा कमाई करती हैं।  
 

--Advertisement--