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Up Kiran, Digital Desk: आईपीएल 2025 में अगर किसी खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं, तो वो हैं गुजरात टाइटंस के उभरते सितारे साई सुदर्शन। 15 मैचों में 54.21 की औसत से 759 रन ठोकने वाले इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने न केवल ऑरेंज कैप की रेस में बाज़ी मारी, बल्कि अपने खेल से लाखों दिल भी जीत लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी इस शानदार फॉर्म के पीछे असली गेमचेंजर क्या रहा? जवाब है – काउंटी क्रिकेट का अनुभव।

साई सुदर्शन ने हाल ही में खुलासा किया कि कैसे इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने से उनकी बैटिंग तकनीक में जबरदस्त निखार आया और कैसे यह अनुभव अब उनके पहले टेस्ट दौरे में आत्मविश्वास का आधार बनने जा रहा है।

काउंटी क्रिकेट ने सिखाया "बेसिक्स" का महत्व

साई सुदर्शन ने कहा कि मैंने काउंटी क्रिकेट में सात मैच खेले हैं। इससे मेरी बैटिंग में तकनीक और बुनियादी बातों के मामले में काफी सुधार हुआ। मुझे समझ आया कि बल्लेबाजी में 'बेसिक्स' सबसे जरूरी हैं।

इस अनुभव ने उन्हें न सिर्फ बेहतर बल्लेबाज़ बनाया बल्कि यह भी सिखाया कि बड़े स्कोर करने के लिए चमक-दमक से ज़्यादा ज़रूरी है सिंपल लेकिन मजबूत फाउंडेशन।

आईपीएल 2025: रन की बारिश लेकिन खिताब नहीं

आईपीएल 2025 में साई सुदर्शन का बल्ला पूरे टूर्नामेंट में आग उगलता रहा। उन्होंने 759 रन बनाए, 54.21 की औसत से रन बटोरे, कई बार टीम को अकेले दम पर मैच जिताया।

हालांकि, गुजरात टाइटंस एलिमिनेटर मुकाबले में मुंबई इंडियंस से हार गई और टूर्नामेंट से बाहर हो गई। इस हार के बावजूद साई का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ।

अब निगाहें रेड बॉल क्रिकेट पर

आईपीएल के तुरंत बाद साई का फोकस अब लाल गेंद यानी टेस्ट क्रिकेट पर है। वे भारत A की ओर से खेलने वाले थे, लेकिन अब वे सीधे भारत की टेस्ट टीम के साथ इंग्लैंड दौरे पर रवाना होंगे।

उन्होंने कहा कि सफेद गेंद से खेलने के तीन महीने बाद बैटिंग में कुछ बदलाव जरूर आया होगा, लेकिन हमारे पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय है। मुझे सिर्फ 'बेसिक्स' पर ध्यान देना है।

टी20 टीम की दहलीज पर खड़े साई

जब उनसे पूछा गया कि क्या आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें भारत की टी20 टीम में जगह मिलने की उम्मीद है, तो साई ने बहुत संयमित जवाब दिया कि हर खिलाड़ी का सपना होता है देश के लिए खेलना। मैं भी चाहता हूं, लेकिन फिलहाल मैं इस बारे में नहीं सोच रहा हूं। एक टी20 बल्लेबाज़ के रूप में मुझे अभी और सुधार की ज़रूरत है।

ये स्पष्ट है कि साई अभी पूरी तरह से ग्राउंडेड हैं और अपनी प्रोसेस में भरोसा रखते हैं।

क्या कहती है साई की बल्लेबाज़ी की कहानी

उन्होंने क्रिकेट के ग्लैमर से ज्यादा ग्राइंडिंग पर फोकस किया। अपने खेल में टेक्निकल सुधार लाने के लिए खुद को इंग्लिश कंडीशंस में परखा और  बेसिक्स की ताकत को पहचाना जो हर बड़े बल्लेबाज़ की पहचान होती है।

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