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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, और यह सीरीज़ 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुई। इस दौरान भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों ने अपनी शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी से टीम की जीत में अहम योगदान दिया। इनमें साई सुदर्शन का नाम भी लिया जा रहा था, जिन्होंने टेस्ट सीरीज़ के तीन मैचों में 140 रन बनाए थे। हालांकि, उनके शानदार प्रदर्शन के बावजूद सुदर्शन को एक बार फिर से क्रिकेट के बड़े मंच पर नजरअंदाज किया गया है, और यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।

क्या हुआ साई सुदर्शन के साथ?

हाल ही में जब तमिलनाडु क्रिकेट संघ (TNCA) ने अपनी टीमों की घोषणा की, तो साई सुदर्शन का नाम नदारद था। दुलीप ट्रॉफी 2025 के लिए जो टीमों की घोषणा हुई, उसमें सुदर्शन का नाम नहीं था। इसके बाद, तमिलनाडु क्रिकेट संघ ने बुचि बाबू इनविटेशनल टूर्नामेंट के लिए दो टीमों की घोषणा की, लेकिन उसमें भी सुदर्शन को जगह नहीं दी गई। इन दोनों टीमों में कोई भी भारतीय खिलाड़ी नहीं है, जो फैंस के लिए एक बड़ा आश्चर्यजनक था।

टीमों में नहीं हुआ सुदर्शन का चयन

टीएनसीए 11 और टीएनसीए प्रेसिडेंट 11 की जो टीमों की घोषणा की गई, उसमें सुदर्शन का नाम नहीं था। अब यह सवाल उठता है कि आखिर सुदर्शन जैसे खिलाड़ी को, जिनकी हालिया प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय टीम में स्थान दिलवाया, क्यों अनदेखा किया जा रहा है। जहां एक ओर र. साई किशोर को टीएनसीए प्रेसिडेंट 11 का कप्तान बनाया गया, वहीं प्रडोष रंजन पॉल को टीएनसीए 11 का कप्तान नियुक्त किया गया है।

आईपीएल 2025 में सुदर्शन का धमाल

इसके पहले, आईपीएल 2025 में सुदर्शन ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 759 रन बनाए थे, जिसमें उनकी औसत 54.21 और स्ट्राइक रेट 156.17 रही। इस शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें आईपीएल 2025 के उभरते हुए खिलाड़ी का अवार्ड भी मिला और ऑरेंज कैप भी उनके नाम रही। सुदर्शन की इसी धमाकेदार बैटिंग को देखते हुए उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में टीम इंडिया में जगह दी गई थी।

नवीनतम चयन प्रक्रिया पर सवाल

सुदर्शन के चयन को नजरअंदाज करने से तमिलनाडु क्रिकेट संघ की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। क्रिकेट विशेषज्ञ और फैंस इस बात को लेकर हैरान हैं कि एक ऐसे खिलाड़ी को जो हाल ही में टेस्ट सीरीज़ में अच्छा प्रदर्शन कर चुका है, क्यों मौके से वंचित किया जा रहा है।

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