
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में बहुप्रतीक्षित मेगा डीएससी (जिला चयन समिति) परीक्षा आयोजित की जा रही है, और इस महत्वपूर्ण परीक्षा को पूर्ण निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े और व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है कि परीक्षा में किसी भी तरह की अनुचित प्रथा, नकल या प्रतिरूपण (impersonation) न हो सके। प्रत्येक परीक्षा केंद्र को एक किले में तब्दील कर दिया गया है, जहां प्रवेश से पहले ही उम्मीदवारों की सघन तलाशी ली जा रही है। पुरुषों और महिलाओं के लिए तलाशी की अलग-अलग व्यवस्था की गई है ताकि गोपनीयता और गरिमा बनी रहे।
प्रवेश प्रक्रिया में बायोमेट्रिक उपस्थिति (biometric attendance) को अनिवार्य किया गया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि केवल वही उम्मीदवार परीक्षा दे सकें जिन्होंने वास्तव में आवेदन किया है और जो पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। पूरे परीक्षा परिसर की हर गतिविधि पर नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है। इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रॉनिक संचार को बाधित करने और नकल के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के दुरुपयोग को रोकने हेतु परीक्षा हॉल के अंदर और आसपास जैमर (jammers) लगाए गए हैं।
उम्मीदवारों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। उन्हें परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स या किसी भी तरह के संचार उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं है। आभूषणों के संबंध में भी नियम सख्त हैं; महिला उम्मीदवारों को सिर्फ मंगलसूत्र और पैर की अंगूठियां पहनने की अनुमति है, जबकि अन्य किसी भी तरह के आभूषण या धातु की वस्तुएं पूरी तरह से वर्जित हैं।
इस सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग, राजस्व विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। परीक्षा केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है ताकि किसी भी तरह की अनावश्यक भीड़ या अव्यवस्था से बचा जा सके।
इन सभी उपायों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मेगा डीएससी परीक्षा पूरी तरह से निष्पक्ष, पारदर्शी और त्रुटिहीन तरीके से आयोजित हो, जिससे सभी पात्र उम्मीदवारों को अपनी योग्यता साबित करने का समान और सुरक्षित अवसर मिल सके।
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